अलग राज्य की मांग कर रहे लोगों को ब्रिटिश सिख एसोसिएशन ने लगाई लताड़
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यह सुनिश्चित किया था कि उनकी सरकार अलग आजाद राज्य के आंदोलन का समर्थन नहीं करेगी।
लंदन, एएनआइ। सिखों के लिए अलग राज्य की मांग करने वालों को ब्रिटिश सिख एसोसिएसशन ने ललकारा है। इससे पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यह सुनिश्चित किया था कि उनकी सरकार अलग आजाद राज्य के आंदोलन का समर्थन नहीं करेगी।
शुक्रवार को ब्रिटिश बिजनेसमैन लॉर्ड रमींदार (रमी) रेंगर ने ट्वीट किया, "आज मैंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बात की। उन्होंने सुनिश्चित किया है कि ब्रिटिश सरकार सिखों के अलग आजाद राज्य के आंदोलन का समर्थन नहीं करेगी। धन्यवाद, प्रधानमंत्री।"
उनके इस पोस्ट पर बर्मिंघम के लिए लेबर पार्टी की सांसद प्रीत कौर गिल ने टिप्पणी की थी, "आत्मनिर्णय का सिद्धांत संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 1 में प्रमुखता से शामिल है। इसे जुड़वां मानवाधिकारों में पहला अधिकार माना गया है।" उनकी इस टिप्पणी को लेकर उन्हें यूके में रह रहे सिख प्रवासियों द्वारा ट्रोल किया गया था। यूके में रह रहे एक पत्रकार, कुलदीप सिंह शेखावत ने कहा, "यह आंदोलन एक फेक आइडिया है। भारत में ऐसा कोई नहीं है जो देश में अलग आजाद राज्य की मांग कर रहा है। भारतीय सिख जानते हैं कि भारत उनके लिए है और वो भारत के लिए हैं।"
हालांकि, सिख फेडरेशन यूके, जो कथित रूप से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के इशारे पर काम कर रही है, ने प्रीत कौर गिल का समर्थन करते हुए कहा, "सिखों का अपनी मातृभूमि पर कानूनी और ऐतिहासिक अधिकार है, अंग्रेजों ने सिख साम्राज्य के साथ संधि पर हस्ताक्षर किए जो आज वैध हैं।"
सिख फेडरेशन यूके और प्रीत कौर गिल के फर्जी दावों और भारत विरोधी बयानों को लेकर ब्रिटिश सिख एसोसिएशन ने खूब लताड़ लगाई है। एसोसिएशन ने ऐसे लोगों को ब्रिटिश पासपोर्ट छोड़ने की सलाह दी है और कहा है कि ये लोग पंजाब जाकर प्रदर्शन करें ताकि पता चले कि वो लोग इसके लिए कितनं गंभीर हैं।