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ब्रेक्जिट पर ब्रिटिश संसद में पीएम मे की राह आसान नहीं

यूरोपीय यूनियन के साथ किए अपने समझौते को बचाने के लिए टेरीजा मे आखिरी दम तक कोशिशों में जुटी रहीं।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 09:18 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 12:55 AM (IST)
ब्रेक्जिट पर ब्रिटिश संसद में पीएम मे की राह आसान नहीं
ब्रेक्जिट पर ब्रिटिश संसद में पीएम मे की राह आसान नहीं

लंदन, एएफपी : यूरोपीय यूनियन (ईयू) से ब्रिटेन के अलग होने की निर्णायक घड़ी आ गई है। भारतीय समय के अनुसार मंगलवार की देर रात ब्रिटिश संसद में ब्रेक्जिट समझौते पर मतदान होना है। जो माहौल नजर आ रहा है उसमें ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे की हार सुनिश्चित लग रही है, क्योंकिविपक्षी लेबर पार्टी तो ब्रेक्जिट समझौते के खिलाफ है ही, मे की कंजरवेटिव पार्टी के कई सांसद भी उसके खिलाफ हैं।

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यूरोपीय यूनियन के साथ किए अपने समझौते को बचाने के लिए टेरीजा मे आखिरी दम तक कोशिशों में जुटी रहीं। उन्होंने ब्रिटिश सांसदों से समझौते का समर्थन करने की अपील की। लेकिन सूत्रों के मुताबिक सांसदों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं पड़ा है। अगर ब्रिटिश संसद में ब्रेक्जिट समझौता गिर जाता है तो ब्रिटेन मुश्किल में फंस सकता है। ईयू से ब्रिटेन के अलग होने की आखिरी तारीख 29 मार्च है। ज्यादा से ज्यादा इस तारीख को 30 जून तक बढ़ाया जा सकता है। लेकिन इतने कम समय में ब्रेक्जिट पर दोबारा जनमत कराना संभव नहीं है।

दरअसल, ब्रेक्जिट समझौते का विरोध कर रहे सांसदों को सबसे ज्यादा आपत्ति उत्तरी आयरलैंड की सीमा को खोले रखने को लेकर है। समझौते के मुताबिक आखिरी सहमति बनने तक उत्तरी आयरलैंड की सीमा खुली रखी जाएगी। वहां यूरोपीय यूनियन का चेकपोस्ट होगा। ब्रिटिश सांसदों का कहना है कि इस शर्त के चलते ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन का उपनिवेश बनकर रह जाएगा।

यूरोपीय यूनियन के नेताओं से मे ने कुछ और छूट पाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। ईयू केनेताओं ने समझौते पर फिर से विचार करने से साफ इन्कार कर दिया। हालांकि, जर्मनी के विदेश मंत्री ने हीको मास ने मंगलवार को ब्रेक्जिट पर बातचीत की संभावना के संकेत दिए। लेकिन, समझौते पर पूरी तरह से वार्ता की संभावनाओं को उन्होंने भी खारिज कर दिया।

लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि अगर मे संसद में हार जाती हैं तो उन्हें तुरंत आम चुनाव की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने ऐसा नहीं करने पर मे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की भी धमकी दी। उन्होंने कहा कि हार की स्थिति में सरकार को सोमवार तक यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि आगे वह क्या कदम उठाने जा रही है।

वहीं, इस वोटिंग पर पूंजी बाजार से लेकर उद्यमियों की भी नजर लगी हुई है। एक बड़ा तबका ईयू के साथ रहना चाहता है। लेकिन ब्रेक्जिट समर्थक समझौते के विरोध को लोगों को जनमत संग्रह के खिलाफ बता रहे हैं।

ब्रेक्जिट पर मतदान के लिए सांसद ने टाली डिलिवरी

बांग्लादेशी मूल की एक ब्रिटिश सांसद ने ब्रेक्जिट समझौते पर संसद में मतदान में भाग लेने के लिए अपनी डिलिवरी की तारीख आगे बढ़ा दी।

लेबर पार्टी की 36 वर्षीय सांसद ट्यूलिप सिद्दिक को डॉक्टरों ने सोमवार या मंगलवार को सिजेरियन डिलिवरी की सलाह दी थी। लेकिन ब्रेक्जिट समझौते पर मंगलवार को होने वाले मतदान के चलते सिद्दिक ने डॉक्टरों से बातकर अपनी डिलिवरी की तारीख गुरुवार तक के लिए टाल दी। सिद्दिक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भांजी हैं।


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