ब्रिटिश हाई कोर्ट ने माल्या पर लगाया 1.82 करोड़ का हर्जाना
हाई कोर्ट जज एंड्र्यू हेनशॉ ने माल्या की अन्य देशों में मौजूद संपत्तियों को जब्त करने का आदेश देने से इन्कार कर दिया था।
By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 09:20 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 09:20 PM (IST)
लंदन, प्रेट्र। ब्रिटिश हाई कोर्ट ने भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को भारतीय बैंकों को दो लाख पाउंड (करीब 1.82 करोड़ रुपये) देने का आदेश दिया है। माल्या इन दिनों ब्रिटेन में रह रहा है। वह वहीं से भारतीय एजेंसियों से कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। माल्या पर आरोप है कि वह 13 भारतीय बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये लेकर भारत से फरार हुआ है।
मई में हाई कोर्ट जज एंड्र्यू हेनशॉ ने माल्या की अन्य देशों में मौजूद संपत्तियों को जब्त करने का आदेश देने से इन्कार कर दिया था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 13 भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम ने इस जब्ती के जरिये कर्ज दी गई अपनी रकम की वसूली का रास्ता सुझाया था। लेकिन हाई कोर्ट ने इस सुझाव को नहीं माना। इसके बाद एक अन्य आदेश में हाई कोर्ट ने माल्या को कानूनी लड़ाई के हर्जाने के तौर पर दो लाख पाउंड भारतीय बैंकों को देने के लिए कहा है।
बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये लेकर भागने के आरोप में माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का एक मुकदमा अलग से चल रहा है। इस मुकदमे में माल्या पर घोटाला करने और गलत ढंग से धन भारत के बाहर ले जाने के मामले हैं। प्रत्यर्पण के मामले में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में जुलाई में अंतिम सुनवाई होने की उम्मीद है। इस मामले में भारत सरकार की ओर ब्रिटेन की क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) पैरवी कर रही है जबकि माल्या की ओर उसके वकीलों की टीम पैरवी कर रही है। ब्रिटेन में शरण लिए माल्या को अप्रैल 2017 में ब्रिटिश कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत दे दी थी। लेकिन सीपीएस को विश्वास है कि वह भारत सरकार के दावे के अनुरूप माल्या को घोटाले के आरोप में भारत को सिपुर्द करने में सफल हो जाएगी। सीपीएस के भरोसे को वेस्टमिंस्टर कोर्ट के रुख से भी ताकत मिली है जिसमें उसने मुंबई की आर्थर रोड जेल के बारे में जानकारी ली है। माल्या को प्रत्यर्पण के बाद इसी जेल में रखा जाना है।
मई में हाई कोर्ट जज एंड्र्यू हेनशॉ ने माल्या की अन्य देशों में मौजूद संपत्तियों को जब्त करने का आदेश देने से इन्कार कर दिया था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 13 भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम ने इस जब्ती के जरिये कर्ज दी गई अपनी रकम की वसूली का रास्ता सुझाया था। लेकिन हाई कोर्ट ने इस सुझाव को नहीं माना। इसके बाद एक अन्य आदेश में हाई कोर्ट ने माल्या को कानूनी लड़ाई के हर्जाने के तौर पर दो लाख पाउंड भारतीय बैंकों को देने के लिए कहा है।
बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये लेकर भागने के आरोप में माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का एक मुकदमा अलग से चल रहा है। इस मुकदमे में माल्या पर घोटाला करने और गलत ढंग से धन भारत के बाहर ले जाने के मामले हैं। प्रत्यर्पण के मामले में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में जुलाई में अंतिम सुनवाई होने की उम्मीद है। इस मामले में भारत सरकार की ओर ब्रिटेन की क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) पैरवी कर रही है जबकि माल्या की ओर उसके वकीलों की टीम पैरवी कर रही है। ब्रिटेन में शरण लिए माल्या को अप्रैल 2017 में ब्रिटिश कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत दे दी थी। लेकिन सीपीएस को विश्वास है कि वह भारत सरकार के दावे के अनुरूप माल्या को घोटाले के आरोप में भारत को सिपुर्द करने में सफल हो जाएगी। सीपीएस के भरोसे को वेस्टमिंस्टर कोर्ट के रुख से भी ताकत मिली है जिसमें उसने मुंबई की आर्थर रोड जेल के बारे में जानकारी ली है। माल्या को प्रत्यर्पण के बाद इसी जेल में रखा जाना है।
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