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पहली बार रॉयल एस्कॉट में भाग नहीं ले रही हैं ब्रिेटेन की महारानी एलिजाबेथ

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में अपने 68 वर्ष के कार्यकाल के दौरान पहली बार रॉयल एस्कॉट हार्स रेसिंग बैठक से दूर रह रही हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 07:47 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 07:47 AM (IST)
पहली बार रॉयल एस्कॉट में भाग नहीं ले रही हैं ब्रिेटेन की महारानी एलिजाबेथ
पहली बार रॉयल एस्कॉट में भाग नहीं ले रही हैं ब्रिेटेन की महारानी एलिजाबेथ

लंदन, एपी। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में अपने 68 वर्ष के कार्यकाल के दौरान पहली बार रॉयल एस्कॉट हार्स रेसिंग बैठक से दूर रह रही हैं। अभी तक कोई भी चीज, गर्भावस्था, संसद में भाषण और यहां तक कि पैर और मुंह की बीमारी इस बैठक में उनके शामिल होने की राह में बाधा नहीं बन सकी, लेकिन इस साल 94 वर्षीया महारानी मंगलवार से शुरू हुए रॉयल एस्कॉट में कोरोना वायरस के कारण हिस्सा नहीं ले रही हैं।

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यह देश का सबसे हाई प्रोफाइल हार्स रेसिंग कार्यक्रम है। इन खेलों में ¨वबलडन टेनिस और गोल्फ ओपन चैंपियनशिप भी शामिल हैं। ¨वबलडन और ब्रिटिश ओपन की तरह रॉयल एस्कॉट कोरोना वायरस महामारी के कारण रद नहीं किया गया। हालांकि दर्शक इससे दूर ही रहेंगे। पांच दिनों तक चलने वाली बैठक में भाग लेने वाले तीन लाख से ज्यादा आमंत्रित अपने रविवार के परिधान में नहीं होंगे। महारानी पश्चिमी लंदन के ¨वडसर कैसल में अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ तीन महीने से ज्यादा समय से आइसोलेशन में हैं।

महारानी एलिजाबेथ का संदेश

इससे पहले कोरोना संकट के बीच ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने राष्ट्र को एक दुर्लभ टेलीविज़न संदेश में आत्म-अनुशासन की युद्ध-समय की भावना का आह्वान किया और कोरोना वायरस महामारी से लड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने ब्रिटेन के लोगों को आश्वासन दिया कि बेहतर दिन वापस आ जाएंगे। 93 साल की ब्रिटेन की महारानी और 54 सदस्यीय राष्ट्रमंडल देशों की प्रमुख, जिसमें भारत भी शामिल है, उन्होंने इस विघटन के समय के दौरान दुनिया भर में हो रहे दुख, दर्द और वित्तीय कठिनाइयों को स्वीकार किया और उम्मीद जताई कि पूरी दुनिया एक संयुक्त प्रयास में एकजुट हो रही है।

उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाले सालों में हर कोई गर्व करेगा कि उन्होंने इस चुनौती का कैसे जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे पीछे आते हैं वे कहेंगे कि इस पीढ़ी के ब्रिटिश लोग भी उतने ही मज़बूत थे। शांत आत्म-विनम्र संकल्प और साथी-भावना के आत्म-अनुशासन के गुण अभी भी इस देश की विशेषता हैं।


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