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Be Alert: कोविड-19 की आ सकती है तीसरी लहर! ब्रिटेन के एक्‍सपर्ट ने जताई है आशंका

ब्रिटेन भविष्‍य में कोविड-19 की तीसरी लहर का सामना कर सकता है। ये कहना है कि एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्क का। उनका ये भी कहना है कि लॉकडाउन इसकी रोकथाम का उपाय नहीं है और भविष्‍य में इसके कुछ और उपाय तलाशने होंगे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 02:57 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 07:24 AM (IST)
Be Alert: कोविड-19 की आ सकती है तीसरी लहर! ब्रिटेन के एक्‍सपर्ट ने जताई है आशंका
ब्रिटेन में आ सकती है कोविड-19 की तीसरी लहर

लंदन (आईएएनएस/रॉयटर्स)। दुनिया के कई देश जहां कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं वहीं ब्रिटेन में इसकी तीसरी लहर की भी आशंका जताई जाने लगी है। ब्रिटेन की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में संक्रमण रोगों के प्रोफेसर मार्क वूलहाउस का कहना है कि कोविड-19 की तीसरी लहर आना संभव है। उनका ये भी कहना है कि लॉकडाउन लगाने से ये जानलेवा वायरस खत्म नहीं होता है बल्कि इसके उलट समस्‍या बढ़ जाती है। गौरतलब है कि ब्रिटेन में कोविड-19 के दोबारा मामले बढ़ने लगे हैं, जिसके चलते वहां पर फिर से लॉकडाउन लगाने की जरूरत महसूस की जा रही है। रॉयटर्स के मुताबिक ब्रिटेन में कोविड-19 के अब तक 465,387 मामले सामने आ चुके हैं और 41,988 मरीजों की मौत भी हो चुकी है।

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इन्‍हीं बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रोफेसर मार्क ने देश में इसकी तीसरी लहर आने का अंदेशा जताया है। उनका कहना है कि इसको रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, जिससे इस संक्रमण को कम किया जा सके। प्रोफेसर मार्क वूलहाउस ने ब्रिटेन के संदर्भ में कहा कि पिछले आकलन में भी सितंबर में दोबारा लॉकडाउन की जरूरत बताई गई थी। उन्‍होंने टीवी पर एक इंटरव्‍यू के दौरान ये बातें उस सवाल के जवाब में कहीं जिसमं पूछा गया था कि क्‍या ब्रिटेन में कोविड-19 की तीसरी लहर आ सकती है?

प्रोफेसर मार्क ने इस दौरान ये भी कहा कि यदि इसकी कारगर वैक्‍सीन आने वाले छह माह में या एक साल में या दो साल में भी नहीं मिल पाती है तो इससे निपटने के दूसरे उपाय सोचने होंगे। उनके मुताबिक इसमें अधिक से अधिक लोगों की टेस्टिंग करनी होगी। उनका कहना है कि ये देखना भी जरूरी है कि इनके अलावा हमें किस प्रकार के कदम इसको रोकने के लिए उठाने होंगे। आपको बता दें कि ब्रिटेन में इस महामारी को देखते हुए मार्च में लॉकडाउन लगाया गया था। इसको लेकर बोरिस जॉनसन को सांसदों की आलोचना का भी शिकार होना पड़ा था। इन सांसदों का कहना था कि इस बारे में जॉनसन ने उन्‍हें भरोसे में नहीं लिया और आनन-फानन में लॉकडाउन लगा दिया था।

इनका कहना था कि लॉकडाउन में लोग काफी समय तक घरों में कैद रहने को मजबूर हुए हैं। ऐसे में उन्‍हें अब बाहर निकलने की पूरी आजादी दी जानी चाहिए। इस सांसदों के मुताबिक लोगों पर अब पाबंदी लगाना गलत होगा। हालांकि कल्‍चरल सेक्रेटरी ऑलिवर डॉडिन ने जॉनसन द्वारा रात 10 बजे के बाद लगाए गए कर्फ्यू और पब और रेस्‍तरां को बंद करने के फैसले का समर्थन किया है। ऑलिवर का कहना है कि देश की ज्‍यादातर जनता कार्डिफ और स्‍वेंसी की ही तरह लॉकडाउन किए जाने के पक्ष में है। आपको बता दें कि ब्रिटेन में इन दोनों के अलावा लीड्स, यॉर्कशायर, स्‍टॉकपोर्ट, ब्‍लैकपूल, नॉर्थ ईस्‍ट मिडीलैंड समेत कई दूसरी जगहों पर भी लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए मना कर दिया गया है।

ब्रिटेन से उठ रही आशंका के अलावा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने भी कोविड-19 महामारी को लेकर चेतावनी दी है। संगठन का कहना है कि जब तक बड़े स्तर पर इस महामारी की कोई कारगर वैक्सीन उपलब्ध होगी, तब तक यह 20 लाख लोगों की जान ले चुका होगा। यदि दुनिया के सभी देशों ने मिलकर इस पर काम नहीं किया तो ये संख्‍या और भी बढ़ सकती है। आपको बता दें कि रॉयटर्स के मुताबिक पूरी दुनिया में इसके अब तक 32,978,124 मामले सामने चुके हैं और 994,208 मरीजों की अब तक इसकी वजह से मौत हो चुकी है। वहीं 22,973,181 मरीज ऐसे हैं जो ठीक हुए हैं।


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