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ब्रेक्जिट मंत्री ने जताई उम्‍मीद, मार्च के अंत में ब्रिटेन-ईयू के बीच हो जाएगा समझौता

ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से अलग होने का फैसला किया है और फिलहाल इसको लेकर प्रकिया जारी है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Wed, 24 Jan 2018 04:04 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jan 2018 04:05 PM (IST)
ब्रेक्जिट मंत्री ने जताई उम्‍मीद, मार्च के अंत में ब्रिटेन-ईयू के बीच हो जाएगा समझौता
ब्रेक्जिट मंत्री ने जताई उम्‍मीद, मार्च के अंत में ब्रिटेन-ईयू के बीच हो जाएगा समझौता

लंदन, रॉयटर्स। ब्रेक्जिट मिनिस्‍टर डेविड डेविस ने बुधवार को कहा कि उन्‍हें उम्‍मीद है कि मार्च के अंत में ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच 'ट्रांजिशन डील' पर समझौता हो जाएगा। बता दें कि ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से अलग होने का फैसला किया है और फिलहाल इसको लेकर प्रकिया जारी है।

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हालांकि इस फैसले को अमल में लाने से रोकने की कोशिश भी की जा रही है। मगर ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि ब्रेक्जिट को अकेले रोकना असंगत है। वहीं यह भी स्‍पष्‍ट संकेत दिया है कि यूरोपीय संघ से अलगाव के फैसले में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। स्कॉटलैंड के सांसदों द्वारा ब्रेक्सिट के विरोध में कानूनी चुनौती देने के जवाब में ब्रिटिश सरकार की तरफ से यह बयान सामने आया है।

कोर्ट में पेश दस्तावेजों के अनुसार, थेरेसा मे की ब्रिटिश सरकार ने स्कॉटलैंड के सत्र न्यायालय में इस चुनौती के जवाब में अपनी कानूनी प्रतिक्रिया पेश की। अब कोर्ट को दो सप्ताह की अवधि के भीतर तय करना होगा कि इस मामले पर पूर्ण सुनवाई की जाएगी या नहीं। दूसरी तरफ याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अगर संभव हो सके तो ब्रिटेन दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक समूह (यूरोपीय संघ) को छोड़ने के अपने फैसले पर फिर से विचार कर सकता है। उनका कहना है कि ब्रिटेन का यह कदम एक मजबूत कदम होगा, क्योंकि इसके लिए 27 यूरोपीय संघ के सभी सदस्यों को फिर से जोड़ने की जरूरत नहीं होगी।

बता दें कि, दो वर्षीय निकासी प्रक्रिया की शुरुआत में पिछले साल 29 मार्च को ही लिस्बन संधि की धारा 50 के तहत ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ को ब्रेक्जिट के बारे में औपचारिक रूप से सूचित कर दिया था।

इस बीच, ब्रेक्जिट के कारण ब्रिटेन की नौकरियों और अर्थव्यस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर आकलन शुरू हो गया है। लंदन के मेयर सादिक खान के आदेश पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ब्रिटेन यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ व्यापार समझौता करने में विफल रहता है तो देश में अगले 12 साल में पांच लाख नौकरियां जा सकती हैं। इसके अलावा 50 अरब पौंड (करीब 4.3 लाख करोड़ रुपये) के निवेश का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।


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