Move to Jagran APP

भारतीय मूल के शोधकर्ता के नेतृत्व में डिमेंशिया का खतरा पहचानने वाला रोबोट किया तैयार

भारतीय मूल के शोधकर्ता के नेतृत्व में एक टीम ने ऐसे रोबोट को तैयार किया है जो उन लोगों की मदद करेगा जो न्यूरोडिजेनेरेटिव (मस्तिष्क के न्यूरान प्रभावित होना) स्थिति में हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 11:03 AM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 11:03 AM (IST)
भारतीय मूल के शोधकर्ता के नेतृत्व में डिमेंशिया का खतरा पहचानने वाला रोबोट किया तैयार
भारतीय मूल के शोधकर्ता के नेतृत्व में डिमेंशिया का खतरा पहचानने वाला रोबोट किया तैयार

लंदन, प्रेट्र। अब रोबाट लोगों में डिमेंशिया का खतरा शुरूआती स्तर पर ही पहचान सकेगा और उन्हें भविष्य के खतरे के प्रति आगाह भी करेगा। भारतीय मूल के शोधकर्ता के नेतृत्व में एक टीम ने ऐसे रोबोट को तैयार किया है जो उन लोगों की मदद करेगा जो न्यूरोडिजेनेरेटिव (मस्तिष्क के न्यूरान प्रभावित होना) स्थिति में हैं।

loksabha election banner

खास बात यह है कि शोधकर्ताओं ने रोबोट को एक प्रशिद्ध ब्रिटिश धारावाहिक ‘एम्मेर्डाले’ दिखाकर प्रशिक्षित किया है। ब्रिटेन की एज हिल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने रोबोट को ‘एम्मेर्डाले’ के 13 एपिसोड दिखाकर प्रशिक्षित किया। इस धारावाहिक में एशले थॉमस नामक पात्र को डिमेंशिया से पीड़ित दिखाया गया है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि रोबोट अब अवसाद और गुस्से के उन संकेत को तुरंत समझ सकता है जो डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति के होते हैं और इस तरह वह लोगों की मदद करेगा। एज हिल यूनिवर्सिटी के सीनियर लेक्चरर अरधेंदु बेहरा ने बताया कि वर्तमान में दुनियाभर में 4.68 करोड़ लोग डिमेंशिया से पीड़ित है और 2050 तक इनकी संख्या बढ़कर 11.54 करोड़ हो जाएगी। अरधेंदु ही इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे हैं।

बेहरा ने बताया कि अवसाद और गुस्सा किसी व्यक्ति के लिए बहुत कठिन होते हैं। वर्तमान में डिमेंशिया से निपटने का केवल एक ही तरीका है कि उस व्यक्ति पर लगातार नजर रखी जाए। जोकि बहुत समय लेने वाला है और इसमें कई लोगों को लगना पड़ता है। इसलिए अब यह रोबोट यह काम आसान कर देगा।

इस तरह किया प्रशिक्षित

शोधकर्ताओं ने रोबोट को ‘एम्मेर्डाले’ के एपिसोड काट-काट कर दिखाए। रोबोट को प्रशिक्षित किया कि धारावाहिक में दिखाए गए डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्तियों के चेहरे के भाव और बॉडी लैंग्वेज को अच्छी तरह से आब्जर्व करे। बताया कि रोबोट चार भाव - क्रोध, अवसाद, खुशी और न्यूटल को पहचानने में सक्षम है और डिमेंशिया के लक्षणों का पता लगाकर उसे संगीत सुनाकर या वीडियो दिखाकर शांत करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.