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गंध और स्वाद में कमी आने पर हो जाएं सतर्क, कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है ज्यादा

जामा ओटोलरींगोलॉजी हेड एंड नेक सर्जरी नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार वैज्ञानिकों ने 204 कोरोना के रोगियों पर एक सर्वेक्षण किया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 09:01 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 09:02 PM (IST)
गंध और स्वाद में कमी आने पर हो जाएं सतर्क, कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है ज्यादा
गंध और स्वाद में कमी आने पर हो जाएं सतर्क, कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है ज्यादा

लंदन, प्रेट्र। कोरोना वायरस के संक्रमितों का पता लगाने के लिए तेज बुखार, गले में दर्द के साथ-साथ सांस लेने में परेशानी को शुरुआती लक्षण माना जाता है। लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि यदि किसी व्यक्ति की सूंघने और स्वाद की क्षमता कम हो जाती है तो वह संक्रमित भी हो सकता है। ये लक्षण बुखार और गले में दर्द जैसी समस्याओं से पहले ही नजर आने लगते हैं।

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शोधकर्ताओं का कहना है कि इन क्षणों के सामने आने पर लोगों को क्वारंटाइन कर संक्रमण फैलने की दर कम की जा सकती है। दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं पर अब तक प्रभावी रूप से सफलता हासिल नहीं हो पाई है। ऐसे में सतर्कता और जागरूकता से ही कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है।

जामा ओटोलरींगोलॉजी हेड एंड नेक सर्जरी नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने 204 कोरोना के रोगियों पर एक सर्वेक्षण किया, जिसमें उन्होंने पाया कि 55 फीसद लोगों की स्वाद ग्रंथि की क्षमता कम हो गई थी, जबकि 41 फीसद लोगों में घ्राण शक्ति यानी सूंघने की क्षमता में कमी देखी गई।

प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं स्वाद और सूघने की कमी

इसी आधार पर इटली की ह्यूमैनिटस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि लगातार स्वाद और सूंघने में कमी कोरोना के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पांच मार्च से 23 मार्च, 2020 के बीच कोरोना के रोगियों की जांच की। जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था या जो लोग ठीक होकर घर लौटे चुके थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन के दौरान 359 रोगियों में से 116 रोगियों में स्वाद और सूंघने की क्षमता में कमी पाई गई, जबकि 113 में सिर्फ स्वाद की कमी और 85 में केवल सूंघने की कमी का पता चला। केवल 12 लोगों में गंभीर स्वाद की कमी और इतने ही लोगों में गंभीर सूंघने की कमी के लक्षण पाए गए।

महिलाओं में अधिक देखी गई परेशानी

शोधकर्ताओं ने कहा कि स्वाद और सूंघने की कमी महिलाओं में पुरुष मरीजों की तुलना में अधिक थी। वहीं, मध्यम आयु वर्ग के व्यक्तियों में युवा लोगों की तुलना में अधिक थी। शोधकर्ताओं का मानना है कि स्वाद या सूंघने में कमी कोरोना वायरस का शुरुआती चरण है। ऐसे लक्षण पाए जाने पर लोगों को डॉक्टर तुरंत क्वारंटाइन में जाने की सलाह दे सकते हैं। सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी को कोरोना के लक्षणों में सबसे आखिर में शामिल किया गया था।


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