पाक के बलूचिस्तान में अत्याचार के खिलाफ लंदन की सड़को पर जागरूकता अभियान
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचार से वाकिफ है। वह इसे पाकिस्तान सरकार की मारो और दफन करो नीति कहती है।
लंदन, एएनआइ। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक और कमजोर वर्गो पर हो रहे अत्याचारों से अवगत कराने के लिए द वर्ल्ड बलोच ऑर्गनाइजेशन और बलोच रिपब्लिकन पार्टी ने ब्रिटेन में जागरूकता अभियान शुरू किया है। ये संगठन पाकिस्तान में बलोच, सिंधी, पश्तून, मुहाजिर और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक के साथ मानवाधिकारों उल्लंघन के भयावह मामलों से ब्रिटिश जनता को अवगत करा रहे हैं। इनकी कोशिश पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की है जिससे वह अपनी हरकतों से बाज आए।
संगठनों के अनुसार जन जागरूकता अभियान में पाकिस्तान में सेना और खुफिया संगठनों द्वारा हजारों लोगों को अगवा करने और उन्हें प्रताडि़त करने की जानकारी दी जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रताड़ना के दौरान मरने वालों को गुपचुप तरीके से जमीन में दफन कर दिया जाता है। परिजनों को भी उनकी कोई जानकारी नहीं दी जाती।
सरकारी एजेंसियों द्वारा पकड़कर ले जाए गए ऐसे हजारों लोग वर्षो बीत जाने के बाद भी घरों को वापस नहीं लौटे। उनके बारे में पूछे जाने पर सरकारी एजेंसियां कोई जानकारी भी नहीं देतीं। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल भी पाकिस्तान में हो रहे इस अत्याचार से वाकिफ है। वह इसे पाकिस्तान सरकार की मारो और दफन करो नीति कहती है। इसके ज्यादातर शिकार कमजोर वर्ग के आंदोलनकारी, शिक्षक, छात्र, चिकित्सक, बुद्धिजीवी और पत्रकार हो रहे हैं।
सेना और खुफिया संगठन आइएसआइ के खिलाफ जो भी आवाज देश में उठती है उसे सख्ती से दबा दिया जाता है या हमेशा के लिए शांत कर दिया जाता है। उत्पीड़न के सबसे ज्यादा शिकार बलूचिस्तान इलाके में विदेशी पत्रकारों और विदेशी गैर सरकारी संगठनों को जाने की अनुमति नहीं है। अगर ये तबका बलूचिस्तान जाएगा तो वहां की असलियत दुनिया के सामने आ जाएगी, इसलिए एजेंसियां वहां पर गुपचुप उत्पीड़न की कार्रवाई जारी रखती हैं।
अभियानकर्ता मोटर साइकिलों पर मदद और पाकिस्तान में लापता होने की वारदातों पर रोक लगाने में सहयोग की मांग करने वाली तख्तियां लगाकर लंदन की सड़कों पर घूम रहे हैं। आपबीती बताने के लिए पर्चे बांट रहे हैं।
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