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तीन करोड़ प्रकाशवर्ष दूर ब्रह्मांड के पिछले हिस्से में मौजूद है बौनी आकाशगंगा

तारों की विशेषताओं का अध्ययन करने के बाद शोधकर्ताओं ने इस आकाशगंगा की उम्र पता की है उन्होंने बताया कि यह बौनी आकाशगंगा लगभग 1300 करोड़ वर्ष पुरानी है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 09:35 AM (IST)
तीन करोड़ प्रकाशवर्ष दूर ब्रह्मांड के पिछले हिस्से में मौजूद है बौनी आकाशगंगा
तीन करोड़ प्रकाशवर्ष दूर ब्रह्मांड के पिछले हिस्से में मौजूद है बौनी आकाशगंगा

लंदन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने बताया कि हबल स्पेस टेलीस्कोप ने 3 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर बृह्मांड के पिछले हिस्से में मौजूद एक बौनी आकाशगंगा का पता लगाया है। यह एक अप्रत्याशित खोज है। शोधकर्ताओं ने नासा/ईएसए हबल स्पेस टेलिस्कोप का इस्तेमाल करके तारों के गोल गुच्छे एनजीसी 6752 के भीतर सफेद बौने तारों का अध्ययन किया। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के अनुसार, इसका उद्देश्य गोल तारामंडल की आयु का पता लगाने के लिए इन तारों का अध्ययन करना था, लेकिन शोधकर्ताओं ने बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान उन्होंने एक अप्रत्याशित खोज की। उन्हें एक बौनी आकाशगंगा मिली।

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रॉयल एस्ट्रॉनोमिकल सोसायटी लेटर्स जर्नल के मासिक नोटिस में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक हबल के एडवांस कैमरे का उपयोग कर अध्ययन करने पर पता चला कि सितारों का एक छोटा संग्रह दिखाई दे रहा था। इन तारों की चमक और तापमान का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करने के बाद खगोलविदों ने यह निष्कर्ष निकाला कि ये तारे आकाशगंगा के तारामंडल का हिस्सा नहीं हैं बल्कि उससे करोड़ों प्रकाश वर्ष दूर स्थित हैं।

ब्रह्मांड की इस पड़ोसी आकाशगंगा को बेडिन-1 नाम दिया गया है। यह हमारी आकाशगंगा से आकार में बहुत छोटी है। यह आकाशगंगा के एक छोटे-से हिस्से जितनी है। शोधकर्ताओं ने बताया कि यह ना केवल बहुत छोटी बल्कि धुंधली भी है। इन विशेषताओं के आधार पर खगोलविदों ने इसे बौनी आकाशगंगा का नाम दिया है।

यह अपनी आकाशगंगा से लगभग 3 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर अभी तक खोजी गई एनजीसी 6744 से 20 लाख प्रकाशवर्ष दूर है। यह आजतक खोजी गई सबसे अलग छोटी बौनी आकाशगंगा है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि हबल से बेडिन-1 की खोज वास्तव में एक अप्रत्याशित खोज है। हब्बल के माध्यम से इतनी दूर के धुंधले तारों का देखना यह बहुत कम संभव है। यह आकाश के एक बहुत से कम हिस्से को कवर करती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि भविष्य में इस्तेमाल होने वाली डब्ल्यूफस्र्ट टेलीस्कोप से वृहद क्षेत्र को कवर किया जा सकेगा। जिसके हमें और नई पड़ोसी आकाशगंगा मिल सकती है।

ऐसी आकाशगंगा में होती है तारों की कमी

बौने आकाशगंगाओं को उनके छोटे आकार, धूमिल, धूल की कमी आदि द्वारा परिभाषित किया जाता है। इनमें पुराने तारे मौजूद होते हैं। इस प्रकार की 36 आकाशगंगाएँ पहले से ही ज्ञात हैं जो आकाशगंगा के स्थानीय समूह में मौजूद हैं, जिनमें से 22 अपनी मिल्की वे की उपग्रह आकाशगंगाएँ हैं।

करीब 1300 करोड़ वर्ष पुरानी है

तारों की विशेषताओं का अध्ययन करने के बाद शोधकर्ताओं ने इस आकाशगंगा की उम्र पता की है उन्होंने बताया कि यह बौनी आकाशगंगा लगभग 1300 करोड़ वर्ष पुरानी है। यह लगभग उतनी ही पुरानी है जितना खुद ब्रह्मांड। शुरुआत में ही यह अन्य आकाशगंगाओं से दूर हो गई। वैज्ञानिकों ने कहा हो सकता है यहां पर कहीं जीवन की संभावना हो।


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