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क्रोध व अधिक परिश्रम भी हो सकते हैं स्ट्रोक के अहम कारण, एक वैश्विक अध्ययन में 13,462 मामलों का किया गया विश्लेषण

प्रोफेसर व शोध के नेतृत्वकर्ता एंड्रयू स्मिथ कहते हैं स्ट्रोक की रोकथाम डाक्टरों की प्राथमिकता है। उन्नत तकनीकों के बावजूद स्ट्रोक के खतरे का अनुमान लगाना मुश्किल होता है। हमने अपने अध्ययन में यह पता करने का प्रयास किया कि किन वजहों से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 05:13 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 05:13 PM (IST)
क्रोध व अधिक परिश्रम भी हो सकते हैं स्ट्रोक के अहम कारण, एक वैश्विक अध्ययन में 13,462 मामलों का किया गया विश्लेषण
अध्ययन में आयरलैंड समेत 32 देश शामिल रहे

लंदन, एएनआइ। स्ट्रोक या पक्षाघात वैश्विक स्तर पर मौत या विकलांगता का बड़ा कारण बनता जा रहा है। एक वैश्विक अध्ययन में विज्ञानियों ने पाया कि कई लोगों को स्ट्रोक या पक्षाघात से करीब घंटे भर पहले काफी क्रोध आ रहा था या वे अवसाद में चले गए थे।

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नेशनल यूनिवर्सिटी आफ आयरलैंड (एनयूआइ) की साझेदारी में हुआ अध्ययन यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें पाया गया कि 20 में से एक स्ट्रोक पीड़ित भारी शारीरिक श्रम करता रहा था। ग्लोबल इंटरस्ट्रोक स्टडी का हिस्सा रहे इस शोध में गंभीर स्ट्रोक के 13,462 मामलों का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में आयरलैंड समेत 32 देश शामिल रहे।

स्ट्रोक की रोकथाम डाक्टरों की प्राथमिकता
एनयूआइ गालवे में क्लीनिकल एपिडेमियोलाजी के प्रोफेसर व शोध के नेतृत्वकर्ता एंड्रयू स्मिथ कहते हैं, 'स्ट्रोक की रोकथाम डाक्टरों की प्राथमिकता है। उन्नत तकनीकों के बावजूद स्ट्रोक के खतरे का अनुमान लगाना मुश्किल होता है। हमने अपने अध्ययन में यह पता करने का प्रयास किया कि किन वजहों से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।'

भावनात्मक परेशानी के कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है 30 फीसद

स्मिथ बताते हैं, 'शोधकर्ताओं ने पाया कि भावनात्मक परेशानी के कारण स्ट्रोक का खतरा 30 फीसद बढ़ जाता है। उन्हें स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है, जिन्हें अवसाद की कभी कोई समस्या नहीं रही। यह भी पाया गया कि कठिन शारीरिक श्रम करने वालों में स्ट्रोक का खतरा 60 फीसद अधिक होता है। हालांकि, जिनका बाडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) सामान्य होता है, उनमें स्टेक का खतरा कम होता है।'

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