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विवाद के बाद कॉर्बिन ने कहा, भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण माना जा सकता है कश्मीर पर प्रस्ताव

कश्मीर पर प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद से ही Jeremy Corbin पर ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय का जबर्दस्त दबाव बना हुआ है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 07:02 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 07:11 PM (IST)
विवाद के बाद कॉर्बिन ने कहा, भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण माना जा सकता है कश्मीर पर प्रस्ताव
विवाद के बाद कॉर्बिन ने कहा, भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण माना जा सकता है कश्मीर पर प्रस्ताव

लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन (Jeremy Corbyn) ने माना है कि उनकी पार्टी द्वारा 26 सितंबर को पारित विवादित कश्मीर प्रस्ताव की भाषा में इस बात की पूरी गुंजाइश है कि उसे भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण माना जा सकता है। हालांकि वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ पारित आपात प्रस्ताव का समर्थन करते रहे।

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लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (LFIN) समूह समेत पार्टी के कई सदस्यों ने पत्र लिखकर पार्टी द्वारा वार्षिक सम्मेलन में पारित प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की थी। कॉर्बिन इसी पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर पर आपात प्रस्ताव लेबर पार्टी के सम्मेलन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत पेश किया गया था। कॉर्बिन ने कहा, 'लेबर पार्टी कश्मीर के हालात के बारे में ब्रिटेन में भारतीय समुदाय की चिंताओं को समझती है और इन चिंताओं को पूरी गंभीरता से लेती है।'

भाजपा ने बनाया था दबाव

मालूम हो कि ब्रिटेन में विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन के एक ट्वीट ने भारतीय राजनीति में घमासान मचा दिया था। कॉर्बिन ने ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने ब्रिटेन में भारत के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर चर्चा की। कॉर्बिन का यह ट्वीट सामने आते ही भाजपा ने कांग्रेस को घेर लिया और इस कृत्य को शर्मनाक बताया था, जिसके बाद कांग्रेस को अपनी ओर से सफाई देनी पड़ी थी।

भारतीय समुदाय का है जबर्दस्त दबाव

दरअसल, कश्मीर पर प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद से ही जेरेमी कॉर्बिन पर ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय का जबर्दस्त दबाव है। उन्होंने कहा भी, 'यह लगातार हमारी प्राथमिकता है और मैं इस बात से सहमत हूं कि हमें उपमहाद्वीप की राजनीति से ब्रिटेन में समुदायों को विभाजित नहीं करना चाहिए। मैं भारत और भारतीय समुदाय के साथ ऐतिहासिक रूप से अच्छे संबंध बनाने को उत्सुक हूं।'

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