पीएम नरेंद्र मोदी स्वीडन, ब्रिटेन और जर्मनी के पांच दिवसीय दौर पर हुए रवाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर रवाना हो गए हैं। अपनी यात्रा के पहले चरण में मोदी स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम पहुंचेंगे।
नई दिल्ली/लंदन (प्रेट्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर रवाना हो गए हैं। यात्रा के अपने पहले चरण में मोदी स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम पहुंचेंगे, जहां वे प्रधानमंत्री स्टेफान लोफवेन से व्यापक वार्ता करेंगे और भारत नोर्डिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। अपनी स्वीडन यात्रा को लेकर पीएम ने कहा, 'भारत और स्वीडन के बीच दोस्ताना रिश्ता है। हमारी साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों व खुले, समावेशी एवं नियमों की बुनियाद पर टिकी वैश्विक व्यवस्था के प्रति कटिबद्धता पर आधारित है। स्वीडन हमारे विकास पहलों में एक मूल्यवान साझेदार है।' इस बीच उन्होंने अपनी स्वीडन और ब्रिटेन की यात्रा से पहले कहा है कि वह व्यापार, निवेश और स्वच्छ ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी गहरा बनाने को लेकर आशान्वित हैं।
चार दिवसीय ब्रिटेन यात्रा पर मंगलवार को लंदन पहुंचेंगे मोदी
राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों की बैठक से ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे की बैठक होगी। वह अकेले ऐसे नेता हैं, जिन्हें ब्रिटेन ने द्विपक्षीय वार्ता का न्योता दिया है। यही नहीं, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने जिन तीन राष्ट्राध्यक्षों को मुलाकात का समय दिया है, उनमें भी मोदी का नाम है। स्वीडन की यात्रा के बाद मोदी अपनी चार दिवसीय ब्रिटेन की यात्रा पर मंगलवार को लंदन पहुंचेंगे, जहां उनका स्वागत अभूतपूर्व होगा। प्रिंस चार्ल्स खुद उनकी अगवानी करेंगे। वह टाटा मोटर्स के पहले इलेक्ट्रिक जगुआर में मोदी के स्वागत के लिए आएंगे। स्वागत समारोह का ऐतिहासिक होना दर्शाता है कि ब्रिटेन भारत के साथ संबंधों को कितनी गंभीरता से ले रहा है। बुधवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में उनकी टेरीजा मे के साथ बैठक होगी। माना जा रहा है कि आतंकवाद, वीजा और आव्रजन जैसे मुद्दों पर बात होगी। अवैध रूप से ब्रिटेन में रह रहे लोगों पर एक एमओयू होने की संभावना है। यह 2014 में खत्म हो गया था। बैठक के बाद मोदी लंदन के साइंस म्यूजियम का दौरा करेंगे। आयुर्वेदिक सेंटर ऑफ एक्सलेंस में वह दोपहर का भोजन करेंगे। इसके बाद वह टेम्स नदी के किनारे स्थित बसावेशवारा की प्रतिमा को नमन करेंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ उनकी दूसरी बैठक फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट में होनी है। इस दौरान मोदी उन भारतीय वैज्ञानिकों से मिलेंगे जो कैंसर, मलेरिया जैसी बीमारियों पर शोध कर रहे हैं। उसके बाद वह भारत-यूके सीइओ फोरम में हिस्सा लेंगे। बुधवार शाम को महारानी एलिजाबेथ से उन्हें वार्ता करनी है।
सेंट्रल हाल से होगा ऐतिहासिक भाषण
नरेंद्र मोदी बुधवार शाम भारत की बात सबके साथ में हिस्सा लेंगे। लंदन के वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हाल में इसका आयोजन होगा। इसका सजीव प्रसारण किया जाएगा। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर इसमें कुल दो हजार लोग ही शामिल हो सकेंगे, लेकिन इसका प्रसारण उत्तरी ध्रुव से न्यूजीलैंड व सऊदी अरब से सेन फ्रांसिस्को तक किया जाएगा। सवाल सोशल मीडिया के जरिये मोदी तक पहुंच रहे हैं। 1946 में सेंट्रल हाल में ही संयुक्त राष्ट्र की आम सभा की पहली बैठक हुई थी। महात्मा गांधी के साथ मार्टिन लूथर किंग (जूनियर) यहां आ चुके हैं।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने लिखा था पत्र
भारतीय उच्चायोग के अधिकारी दिनेश पटनायक का कहना है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने खुद पत्र लिखकर मोदी को बैठक का न्योता दिया था। दो साल के लिए राष्ट्रमंडल देशों की कमान ब्रिटेन के पास है और यह आखिरी बार होगा जब महारानी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी, क्योंकि 91 साल की उम्र में उनके लिए दूसरे किसी देश में जाकर बैठक में शामिल होना संभव नहीं लगता। भारतीय पीएम ने इससे पहले 2009 में इस तरह के आयोजन में हिस्सा लिया था। माल्टा, कोलंबो, पर्थ में हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने शिरकत नहीं की थी।
मोदी जी, बेटियों की रक्षा करो :
नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन (एनआइएसयू) यूके ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक दिल को झकझोर करने वाला पत्र लिखा है। इसमें जम्मू-कश्मीर, गुजरात व उत्तर प्रदेश में हुई दुष्कर्म की वारदातों पर क्षोभ जताया गया है। उनसे अपील की गई है कि कड़े से कड़ा कदम उठाकर दोषियों पर कार्रवाई करें। भारतीय उच्चायोग के मार्फत 14 अप्रैल को लिखे पत्र में कहा गया है कि आपने पहले भी नोटबंदी जैसे कड़े कदम उठाकर सारे विश्व को चकित किया है। इस मामले में आपसे ऐसे ही किसी कदम की उम्मीद है, जिससे बेटियों को न्याय मिल सके। पत्र में यह भी लिखा गया है कि सरकार की चुप्पी वाकई हैरान करने वाली है।