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अंतरिक्ष में अब उगेंगी फलियां, वैज्ञानिकों ने तैयार किया विशेष प्लांटर

अंतरिक्ष में सलाद की पत्तियां उगाने के बाद वैज्ञानिकों ने अब फलियां उगाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। वैज्ञानिकों ने विशेष प्लांटर तैयार किया है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 12:38 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 12:38 PM (IST)
अंतरिक्ष में अब उगेंगी फलियां, वैज्ञानिकों ने तैयार किया विशेष प्लांटर
अंतरिक्ष में अब उगेंगी फलियां, वैज्ञानिकों ने तैयार किया विशेष प्लांटर

लंदन, आइएएनएस। तीन साल पहले अंतरिक्ष में सलाद की पत्तियां (लेटस) उगाने के बाद वैज्ञानिकों ने अब फलियां उगाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। हालिया शोध के मुताबिक 2021 तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर फली उगाना संभव हो सकता है। इसके लिए नार्वे यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) के वैज्ञानिकों ने विशेष प्लांटर तैयार किया है।

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वैज्ञानिकों ने बताया कि यह प्लांटर पौधों की जरूरत के मुताबिक पानी, पोषक तत्वों और हवा को नियमित करने में सक्षम है। एनटीएनयू ने बताया कि अंतरिक्ष यात्र के दौरान इस तरह के खाद्य पदार्थ उगाने के लिए इटली और फ्रांस के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। अंतरिक्ष में ऐसे खाद्य पदार्थ उगाने से भविष्य में सुदूर अंतरिक्ष अभियानों के लिए जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को बड़ा लाभ होगा। अभी आइएसएस पर लगातार किसी अंतरिक्ष यात्री के रुकने का अधिकतम समय छह महीने रहा है।

वहीं मंगल जैसे अभियान पर जाने के लिए कम से कम एक साल का वक्त अंतरिक्ष में बिताना होगा। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगल पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के अभियान को अंजाम देने के लिए 2030 तक चंद्रमा पर एक स्टेशन तैयार करने की योजना भी बनाई है। वहीं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी 2030 तक मंगल पर मानव भेजने की तैयारी में है।

इस प्रक्रिया से जुड़े वैज्ञानिक सिल्जे वुफ ने बताया कि धरती पर इस संबंध में जितने परीक्षण थे, उन्हें अंजाम दिया जा चुका है। अब हम अंतरिक्ष में फलियों को उगाने का परीक्षण करेंगे और अंतरिक्ष के गुरुत्वाकर्षण विहीन परिस्थिति से इन पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेंगे। वुफ ने कहा, ‘हर अंतरिक्ष यात्री का सपना होता है कि उसे अंतरिक्ष में भी ताजा खाना मिले। निश्चित तौर पर भविष्य में यह भी संभव होगा। हम ऐसे ग्रीनहाउस की कल्पना करते हैं, जिसमें अलग-अलग तरह की सब्जियां उगाई जा सकें।’


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