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संक्रमण से उबरने के बाद भी बना रहता है खतरा, ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग के अध्ययन में सामने आई बात

ब्रिटेन में कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर हुए एक आधिकारिक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि एक बार कोरोना के संक्रमण से उबरने के बाद मरीज में लगभग पांच माह तक इम्युनिटी (प्रतिरक्षा) बनी रहती है। लेकिन उसके वायरस के संवाहक होने का खतरा बना रहता है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 09:32 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 09:32 AM (IST)
संक्रमण से उबरने के बाद भी बना रहता है खतरा, ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग के अध्ययन में सामने आई बात
इम्युनिटी बनने के बाद भी कोरोना के संवाहक बन सकते हैं लोग।

लंदन, प्रेट्र। यदि आप सोच रहे हैं कि एक बार संक्रमित होने के बाद आप दोबारा संक्रमित नहीं होंगे या संक्रमण नहीं फैला सकते तो आप गलत हैं। ब्रिटेन में कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर हुए एक आधिकारिक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि एक बार कोरोना के संक्रमण से उबरने के बाद मरीज में लगभग पांच माह तक इम्युनिटी (प्रतिरक्षा) बनी रहती है। लेकिन उसके वायरस के संवाहक होने का खतरा बना रहता है।

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द पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) द्वारा जारी किए गए अध्ययन में पाया गया है कि पिछले संक्रमणों के परिणामस्वरूप स्वाभाविक रूप से इम्युनिटी हासिल होती है और यह पुन: संक्रमण के खिलाफ 83 फीसद सुरक्षा प्रदान करती है। यह संक्रमण के बाद कम से कम पांच महीने तक बनी रहती है। हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि इम्युनिटी वाले लोगों के नाक और गले में वायरस होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है। ऐसे में वे वायरस के संवाहक हो सकते हैं। इसलिए संक्रमण से उबरने के बाद भी सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। खास तौर पर ऐसे लोगों को मास्क का इस्तेमाल करना छोड़ना नहीं चाहिए।

पीएचई के वरिष्ठ चिकित्सा सलाहकार और सार्स-सीओवी-2 इम्युनिटी एंड रीइंफेक्शन इवेल्यूएशन (सीआइआरईएन) नामक इस शोध की नेतृत्वकर्ता प्रोफेसर सुसैन हॉपकिंस ने कहा, ‘इस अध्ययन ने हमें कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी संरक्षण की प्रकृति की एक स्पष्ट तस्वीर दी है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि लोग इन शुरुआती निष्कर्षो को गलत नहीं समझते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘अब हम जानते हैं कि जिन लोगों में एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी हैं, उनमें से अधिकांश को पुन: संक्रमण से बचाया जाता है, लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हो जाती। हम अभी तक नहीं जानते हैं कि एंटीबॉडीज कितने दिनों तक काम करेंगी। इसलिए यह दौर बेहद सचेत रहने की सलाह देता है।

सतर्कता बरतना है जरूरी

प्रोफेसर सुसैन ने जोर देकर कहा, हमारे निष्कर्षो का मतलब यह है कि यदि आप सोच रहे हैं कि एक बार संक्रमित होने के बाद अब हम सुरक्षित हैं और बेरोक-टोक कहीं भी आ जा सकते हैं तो शायद आप गलत हो सकते हैं। इम्युनिटी विकसित होने के बाद भी खतरा टला नहीं है। वर्तमान में सतर्कता बेहद जरूरी है। हां, आपके दोबारा संक्रमित होने की आशंका थोड़ा कम जरूर हो जाती है पर आप किसी स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए आफत खड़ी कर सकते हैं। इसलिए लोगों की जान बचाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप हर संभव घर के भीतर ही रहें।

खतरनाक है नया वैरियंट

पीएचई ने कहा, पिछले वर्ष जून से ही पूरे ब्रिटेन में हजारों स्वास्थ्यकर्मी हर दिन कोरोना संक्रमितों और एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगा रहे हैं, जिससे संक्रमण की रफ्तार कम हुई है। लेकिन वायरस के नए स्ट्रेन के मिलने के बाद यहां स्थिति काफी गंभीर हो गई है। नया वैरियंट वीओसी202012/01 बहुत तेजी से फैल रहा है। इसलिए अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत है।


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