इटली में 51 डॉक्टरों की मौत, 7100 हेल्थ केयर वर्कर्स संक्रमित, फिर भी कोरोना से लड़ रहे ये रियल हीरो
उनकी आंखें थक गई हैं मास्क की रबड़ से गालों की त्वचा खराब हो गई है वे मुस्कुरा नहीं रहे हैं। इटली में कोरोना वायरस महामारी से जंग लड़ रहे डॉक्टर्स और नर्सों का यही हाल है।
रोम, एपी/एएनआइ। उनकी आंखें थक गई हैं, मास्क की रबड़ से गालों की त्वचा खराब हो गई है, वे मुस्कुरा नहीं रहे हैं। इटली में कोरोना वायरस महामारी से जंग लड़ रहे डॉक्टर्स और नर्सों का यही हाल है। सुरक्षात्मक सूट और मास्क के पीछे किसी डॉक्टर को पहचान पाना संभव नहीं है। वे घंटों तक खड़े रहकर ऐसे ही मरीजों की देखभाल में जुटे हुए हैं। इटली में कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण से मरनेवालों लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले 24 घंटों में यहां 889 मौत हुईं और कुल संक्रमित लोगों का आंकड़ा 92 हजार के पार पहुंच गया है। ऐसे में डॉक्टरों, नर्सों और अस्पतालों में काम करने वाले अन्य लोगों को काफी मुश्किल परिस्थितियों में काम करना पड़ रहा है।
इटली के बर्गामो में ह्युमनिटास गवाजेनी अस्पताल के आईसीयू में तैनात एक नर्स बताती हैं, 'ड्यूटी के दौरान यह हमेशा रहता है। कई बार अस्पताल में काम करनेवाले डॉक्टर्स और नर्स अपनी 8-10 घंटे की शिफ्ट में पानी तक नहीं पीते हैं। यही नहीं, कई बार वे पूरी शिफ्ट के दौरान वॉशरूम भी नहीं जा पाते हैं, क्योंकि इसके लिए सूट उतारना पड़ता है, जिसे दोबारा पहनना बेहद मुश्किल होता है। दरअसल, सूट, मास्क और ग्लव्स को लेकर बेहद कड़े नियम बनाए गए हैं, क्योंकि एक गलत कदम डॉक्टर्स और नर्सों को भी वायरस की चपेट में ला सकता है।'
वह बताती हैं कि अभी तक इटली में 7100 से ज्यादा हेल्थ केयर वर्कर्स(डॉक्टर, नर्स और अस्पताल में काम करनेवाले अन्य लोग) कोविड-19 की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे स्टाफ को ठीक होने के लिए घर वापस भेजा जाता है और कहा जाता है कि जब इनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव हो, तब काम पर लौट जाएं। लेकिन इनकी अनुपस्थित में अस्पताल में मौजूद अन्य हेल्थ केयर वर्कर्स पर काम का बोझ बढ़ जाता है, क्योंकि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इस दौरान कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे 50 से अधिक डॉक्टरों की मौत भी हो चुकी है। हालात काबू में आने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। हालांकि, इसके बावजूद डॉक्टर्स और नर्से पूरी शिद्दत के साथ अपने काम में जुटे हुए हैं।
ब्रेशिया के पब्लिक सिविक हॉस्पिटल में आईसीयू के प्रमुख डॉ. गैब्रियल टॉमसोनी अपनी शिफ्ट खत्म करने के बाद हास्पिटल से बाहर निकले, तो उन्होंने बताया कि हम रात-दिन मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं। समस्या यह है कि कोविड-19 से संक्रमित मरीजों को आइसोलेशन में रखना पड़ता है और ऐसे में उनके परिवार के सदस्यों को क्वारंटाइन में रहना होता है। पीडि़तों में ज्यादातर उम्रदराज लोग हैं। ऐसे पीडि़तों का एकमात्र सहारा हेल्थ केयर वर्कर्स हैं। ये चाहते हैं कि कोई इनके निकट रहे, इन्हें प्यार से रखे। आप उनकी आंखों में ये देख सकते हैं।
गौरतलब है कि इटली में कोरोना वायरस की चपेट में आकर मरनेवालों की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है। ये आंकड़ा 10 हजार के पार पहुंच गया है। कुल संक्रमित लोगों को आंकड़ा 92,472 पहुंच गया है, जो अमेरिका में संक्रमितों से कुछ कम है। अमेरिका में कोरोना वायरस के संक्रमितों का आंकड़ा 1 लाख के पार पहुंच गया है। इटली में लगभग 6 करोड़ लोग इस माह की शुरुआत से लॉकडाउन हैं। लॉकडाउन की अवधि 3 अप्रैल तक है। हालांकि, मौजूदा हालात में ऐसा लगता नहीं की लॉकडाउन खत्म किया जाएगा।