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ब्रिटेन में 39 जलवायु कार्यकर्ता गिरफ्तार, जीवाश्म ईंधन को बंद करने की मांग को लेकर किया था प्रदर्शन

यह प्रदर्शन इंसुलेट ब्रिटेन संस्था ने किया। संस्था की सरकार से मांग है कि सरकार यहां के दो करोड़ नौ लाख से ज्यादा घरों में जीवाश्म ईंधन को बंद करे और इसका विकल्प उपलब्ध कराए। पिछले कुछ समय से जारी है प्रदर्शन।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 02:53 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 02:53 PM (IST)
ब्रिटेन में 39 जलवायु कार्यकर्ता गिरफ्तार, जीवाश्म ईंधन को बंद करने की मांग को लेकर किया था प्रदर्शन
ब्रिटेन में 39 जलवायु कार्यकर्ता गिरफ्तार, जीवाश्म ईंधन को बंद करने की मांग को लेकर किया था प्रदर्शन

लंदन, रायटर। ब्रिटेन के जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ताओं ने यहां के सबसे व्यस्त बंदरगाह 'पोर्ट आफ डोवर' पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के कारण यहां का कार्य कई घंटे तक बाधित रहा। पुलिस ने 39 जलवायु परिवर्तन कार्यकताओं को गिरफ्तार कर लिया।

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यह प्रदर्शन इंसुलेट ब्रिटेन संस्था ने किया। संस्था की सरकार से मांग है कि सरकार यहां के दो करोड़ नौ लाख से ज्यादा घरों में जीवाश्म ईंधन को बंद करे और इसका विकल्प उपलब्ध कराए। जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ताओं का यह प्रदर्शन पिछले कुछ सप्ताह से लगातार जारी है। यह ग्रुप लंदन के एम 25 हाइवे को भी पिछले दो सप्ताह में पांच बार अवरुद्ध कर चुका है। प्रदर्शनकारियों को इससे पहले चेतावनी दे दी गई थी। यातायात मंत्री ग्रांट शेप्स ने कहा है कि रोजमर्रा के व्यापार को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ब्रिटेन में ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन लगभग 15 फीसद घरों से ही होता है। जीवाश्म ईंधन का विकल्प सौर, पवन, बायोमास ऊर्जा हो सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा

हाल ही में यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में जलवायु परिवर्तन समेत कई अन्य मुद्दे पर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम हर महाद्वीप में चेतावनी के संकेत देख रहे हैं, दुनिया में हर जगह जलवायु संबंधी आपदाएं बनी हुई हैं। जलवायु वैज्ञानिक हमें बताते हैं कि पेरिस समझौते के 1.5 डिग्री लक्ष्य को जीवित रखने में देर नहीं हुई है, लेकिन आशाएं तेजी से बंद हो रही हैं।

इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को 2005 के बाद से पहली एयर क्‍वालिटी गाइड लाइन जारी की है, जिसका उद्देश्य हृदय और श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनने वाले प्रमुख प्रदूषकों से होने वाली मौतों को कम करना है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने अपने 194 सदस्य देशों को सलाह देते हुए कई प्रदूषकों के लिए सिफारिश के अधिकतम स्तर को घटा दिया है, जिसमें पार्टिकुलेट मैटर और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड शामिल हैं, जो दोनों जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन में पाए जाते हैं।


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