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बिना बेलआउट पैकेज के 13 ब्रिटिश विवि बंद होने की कगार पर, आइएफएस की रिपोर्ट से खुलासा

एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना लॉकडाउन की वजह से ब्रिटेन के करीब 13 विश्वविद्यालय सरकार से बेलआउट पैकेज मिले बिना अपना अस्तित्व बरकरार नहीं रख सकेंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 06:53 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:53 PM (IST)
बिना बेलआउट पैकेज के 13 ब्रिटिश विवि बंद होने की कगार पर, आइएफएस की रिपोर्ट से खुलासा
बिना बेलआउट पैकेज के 13 ब्रिटिश विवि बंद होने की कगार पर, आइएफएस की रिपोर्ट से खुलासा

लंदन, पीटीआइ। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से ब्रिटेन के करीब 13 विश्वविद्यालय सरकार से बेलआउट पैकेज मिले बिना अपना अस्तित्व बरकरार नहीं रख सकेंगे। ये विश्वविद्यालय देश के करीब पांच फीसद छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं। द इंस्टीट्यूट ऑफ फिस्कल स्टडीज (आइएफएस) का अनुमान है कि ब्रिटेन के उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए दीर्घकालीन नुकसान तीन अरब पाउंड से 19 अरब पाउंड के बीच हो सकता है।

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इसमें सबसे बड़ा नुकसान अंतरराष्ट्रीय छात्रों के पंजीकरण में गिरावट से हो रहा है जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय छात्र भी शामिल हैं। ब्रिटिश सरकार के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से 2019 के दौरान ब्रिटेन में भारतीय छात्रों की संख्या में लगातार इजाफा होता रहा है। भारत में वार्षिक ब्रिटिश स्टडी वीजा के जारी होने में 229 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

ब्रिटिश काउंसिल सर्वे ऑफ इंडियन स्टूडेंट्स के मुताबिक, इस साल जो छात्र विदेश में अध्ययन के लिए आवेदन कर चुके हैं उनमें से 43 फीसद का कहना है कि उनकी योजना में बदलाव की कतई कोई संभावना नहीं है। वहीं, नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन यूके की चेयरपर्सन सनम अरोड़ा का कहना है कि भारतीय छात्र ब्रिटिश कक्षाओं का अनुभव करना चाहते हैं और रिसर्च लैब सहित विश्वविद्यालयों के बुनियादी ढांचे तक पहुंचना चाहते हैं। सर्वे के मुताबिक, 80 फीसद छात्र प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे अगर कक्षाएं ऑनलाइन हुईं।

इस बीच ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कला, संस्कृति और विरासत क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को कोरोना संकट से उबारने के लिए 1.57 अरब पौंड के राहत पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के जरिए इन उद्योगों के क्षेत्र में काम करने वालों को सस्ता कर्ज और अनुदान मिलेगा। बता दें कि हजारों लोग रंगमंच, प्रस्तुति कला, विरासत, ऐतिहासिक स्थल, संग्रहालय, कला दीर्घा, संगीत और स्वतंत्र सिनेमा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। सुनक का कहना है कि इन क्षेत्रों में सात लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध होता है। 


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