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जब रिंग रोड के जाम में फंस गया मिसाइल ले जा रहा वाहनों का काफिला, ये थी वजह

रिंग रोड पर लगे जाम में जब यार्स मिसाइल का काफिला फंस गया तो वहां से गुजर रहे राहगीरों के लिए यह एकदम नया अनुभव था।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 09:26 AM (IST)
जब रिंग रोड के जाम में फंस गया मिसाइल ले जा रहा वाहनों का काफिला, ये थी वजह
जब रिंग रोड के जाम में फंस गया मिसाइल ले जा रहा वाहनों का काफिला, ये थी वजह

मास्‍को। सड़क पर लगने वाले जाम से हर कोई वाकिफ है। लेकिन क्‍या कभी आपने इस जाम में मिसाइल ले जा रहे वाहनों को भी फंसे हुए देखा है। आपको ये सवाल जरा अटपटा लग रहा होगा। हम आपके मन में चल रही कश्‍मकश के बारे में अच्‍छे से समझ सकते हैं। भारत की ही नहीं दूसरे देशों में आम लोग इस बारे में सोच भी नहीं सकते हैं कि वह मिसाइलों के काफिले को जाम में फंसा हुआ देख सकते हैं। लेकिन यह सब कुछ हुआ है।

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हम बात कर रहे हैं रूस की राजधानी मास्‍को की, जहां लोगों ने यह सब अपनी आंखों के सामने देखा। दरअसल, यह सबकुछ उस वक्‍त हुआ जब मिसाइल ट्रूप्‍स मास्‍को से दूर ट्रेनिंग रेंज की तरफ जा रहा था। आपको बता दें कि हर वर्ष वार्षिक विजय दिवस पर निकलने वाली परेड से पहले यह ट्रूप रिहर्सल करता है। हर वर्ष 8 मई को यह परेड हुआ करती है। दूसरे विश्‍व युद्ध में जर्मनी पर जीत के जश्‍न में हर वर्ष इस परेड का आयोजन मास्‍को के रेड स्‍क्‍वायर पर किया जाता है।

इस बार भी इस परेड से पहले यह ट्रूप रिहर्सल की तैयारी में था। इसी दौरान यह मास्‍को की रिंग रोड़ पर लगे जाम में फंस गया। यह काफिला यार्स मोबाइल मिसाइल सिस्‍टम का था। जिस वक्‍त यह सड़क पर निकला था तभी से ही सड़क पर काफी वाहन मौजूद थे। लेकिन धीरे-धीरे यह जाम में बदल गया। सड़क से गुजर रहे राहगीरों ने इस मौके को अपने कैमरे में भी कैद किया।

स्‍पूतनिक डॉटकॉम पर जारी खबर में इससे जुड़े वीडियो को भी दिखाया गया है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कड़ी सुरक्षा के बीच यह काफिला रिंग रोड से गुजर रहा है। इस काफिले में दमकल की गाड़ियां, सपोर्ट व्‍हीकल और पुलिस के वाहन भी मौजूद हैं। यह वाकया मंगलवार की सुबह का है। रूस के रक्षा मंत्री का कहना है कि यह काफिला मिसाइलों के साथ अलाबिनो ट्रेनिंग ग्राउंड की तरफ बढ़ रहा था, मास्‍को से बाहर है।

मास्‍को और अलाबिनो की दूरी करीब चार सौ किमी की है। आपको बता दें कि यार्स मिसाइल का नाटो का नाम SS-27 Mod 2 है। यह रूस का सबसे नया स्‍ट्रेटेजिक वैपन है, जिसको वर्ष 2010 में सेना में शामिल किया गया था। आपको यहां पर बता दें कि मास्‍को की रिंग रोड पर लगने वाला जाम कोई नया नहीं है। यह रास्‍ता लगभग हर रोज ही इस तरह के जाम से दो-चार होता है। लेकिन इसमें मिसाइलों के काफिले का फंस जाना हर किसी के लिए एक नया अनुभव जरूर था।

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