खेरसान में रूस के जवानों ने कई दिनों तक बनाकर रखा था बंधक, शरीर पर लगाए बिजली के झटके
खेरसान से रूस के जवानों के चले जाने के बाद अब धीरे-धीरे यहां की कई बातें सामने आ रही हैं। अब पता चला है कि यहां पर रूस ने कई टार्चर हाउस बना रखे थे। इनमें कई लोगों को बंधक बनाकर रखा गया।
खेरसान (एजेंसी)। रूस द्वारा यूक्रेन में भीषण नरसंहार को लेकर कई आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, रूस ने हमेशा ही इन आरोपों का खंडन किया है। अब खेरसान, जहां से रूस की सेना कुछ समय पहले ही बाहर निकली है, में अब एक और बात सामने आई है। खेरासन के पुलिस अधिकारी दिमित्री बिली ने 24 अगस्त के दिन को याद करते हुए बताया है कि उस दिन दर्जनों रूसी सैनिक उनके घर में घुस आए।
उनके हाथों में पिस्तौल थी और उनकी मां और भाई वहां से भाग चुके थे। बिली ने अपनी पिस्तौल को दूसरे जवान को दे दी। उस रूसी जवान के पास पहले से ही मशीन गन थी। बिली ने बताया कि रूसी जवान उसको घसीटते हुए घर से बाहर ले आए। बिली ने बताया कि यूक्रेन दक्षिणी क्षेत्र के गांव चोरनोबेवका में उसका घर था, जिसको रूसी जवानों ने एक जेल बना दिया था। यहां पर रूसी सैनिकों ने कई दिनों तक बिली को टार्चर किया और बंधक बनाए रखा था।
बिली ने बताया कि रूसी जवानों ने उनके कान और प्राइवेट पार्ट पर बिजली के झटके दिए। बिली ने बताया कि रूसी जवानों ने उनके सभी अंगों पर बिजली के झटके लगाए। कई जगहों से उनका शरीर जल गया था। उनके शरीर के हर हिस्से से खून निकल रहा था। करीब दो सप्ताह तक रूसी जवानों ने बिली को बंधक बनाकर रखा। वो इस दौरान किसी भी तरह की कोई मदद नहीं पा सके थे। वो बस ये ही चाहते थे कि किसी तरह से उनके शरीर से बहने वाला खून रुक जाए। बिली ने उन बातों का भी जिक्र किया जिसको सुनकर रौंगटे खड़े हो सकते हैं। खेरसान रूस के कब्जा किए उन क्षेत्रों में से एक था जिस पर रूस ने करीब 8 माह तक बंधक बना लिया था।
खेरसान से रूसी जवानों के चले जाने के बाद अब इस तरह के 5 घर मिल चुके हैं जिन्हें रूस के जवानों ने किसी टार्चर हाउस की ही तरह इस्तेमाल किया था। कई लोगों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें वहां पर कई दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया और उन्हें यातनाएं दी गई थीं। इन घरों में बंध बनाए गए जवानों को मौत का खौफ दिखाया जाता था। मानवाधिकार विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि ये केवल शुरुआत है, अभी इस तरह के कई खुलासे होने बाकी हैं।