रूसी और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए हुए रवाना
पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर एक ऐसी तकनीक के साथ भेजा गया है जिससे वह महज तीन घंटे में पहुंच जाएंगे। नासा के केट रूबिंस और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के सर्गेई कुद-सेवरचकोव ने कजाकिस्तान में रूस-स्थित बैकोनूर अंतरिक्ष प्रक्षेपण सुविधा उड़ान भरी।
अल्माटी, कजाकिस्तान, एएफपी। पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर एक ऐसी तकनीक के साथ भेजा गया है, जिससे वह महज तीन घंटे में पहुंच जाएंगे। इससे जुड़ी लाइव फुटेज रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस साझा की है। बता दें कि रूस की राजधानी मॉस्को से 2100 किमी दूर कजाखिस्तान के रेगिस्तान में बैकानूर कॉस्मोड्रोम स्थित है।
नासा के केट रूबिंस और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के सर्गेई कुद-सेवरचकोव ने कजाकिस्तान में रूस-स्थित बैकोनूर अंतरिक्ष प्रक्षेपण सुविधा से छह महीने की अवधि के लिए बुधवार सुबह निर्धारित समय के अनुसार उड़ान भरी। पहली बार, वे ऑर्बिट की परिक्रमा के लिए दो-कक्षा, तीन-घंटे के दृष्टिकोण की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले के कर्मचारियों को स्टेशन तक पहुंचने में दोगुना समय लगता था।
VIDEO: Three-person crew blasts off for ISS in Russian capsule.
Russia's Soyuz MS-17 spacecraft with two cosmonauts and a NASA astronaut on board blasts off to the International Space Station from the Russian-operated Baikonur cosmodrome in Kazakhstan pic.twitter.com/61zFhPMtQA— AFP news agency (@AFP) October 14, 2020
ये तीनों यात्री छह महीने तक गुजारेंगे। इससे पहले तक अंतरिक्ष तक पहुंचने के लिए दोगुना समय लगता था। ये तीनों यात्री स्टेशन के कमांडर क्रिस कैसीडी के नेतृत्व में काम करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) जाने वाले चालक दल के अमेरिकी सदस्य केट रूबिंस नासा में माइक्रोबॉयालॉजिस्ट हैं। केट रूबिंस वर्ष 2016 में अंतरिक्ष में डीएनए का सिक्वेंस करने वाले पहले व्यक्ति थे। अन्य दो रूसी अंतरिक्ष यात्री सर्गेई रेजिकोव और सर्गेई कुद-सेवरचकोव हैं। यह मिशन अमेरिकी क्रू मेंबर के लिए अंतिम रूसी उड़ान थी। दरअसल, वर्ष 2011 में शटल प्रोग्राम के खत्म होने के बाद नासा रूस के माध्यम से अपने अंतरिक्ष यात्रियों को आइएसएस भेजता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने वर्ष 2014 में एलन मस्क की कंपनी 'स्पेस एक्स' और बोइंग कंपनी के साथ स्पेस कैप्सूल बनाने के लिए अनुबंध किया था।