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मार्शल लॉ की तैयारी में यूक्रेन, अजोव सागर पर रूस से विवाद गहराया,

इस बाबत यूक्रेन में वॉर कैबिनेट की ज़रूरी बैठक बुलाई गई है। यूक्रेन की सांसद मार्शल लॉ लगाने के एलान पर पर आज वोटिंग कर सकती है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 09:49 AM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 09:56 AM (IST)
मार्शल लॉ की तैयारी में यूक्रेन, अजोव सागर पर रूस से विवाद गहराया,
मार्शल लॉ की तैयारी में यूक्रेन, अजोव सागर पर रूस से विवाद गहराया,

मास्‍को [ एजेंसी ]। रूस ने यूक्रेन के तीन नौसैनिक जहाजों पर हमला करके उन्‍हें अपने कब्‍जे में ले लिया है। इसके चलते क्रीमियाई प्रायद्वीप में रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ गया है। इस बीच दोनों मुल्‍कों के बीच एक-दूसरे पर आराेप-प्रत्‍यारोप का दौर जारी है। इस बीच यूक्रेन में डिफ़ेंस काउंसिल की बैठकों का दौर जारी है। उधर, यूरोपीय संघ ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रूस से कहा कि यूक्रेन को किर्च से अज़ोव सागर में अपने हिस्से में जाने से न रोका जाए। नाटो ने भी इस मामले में यूक्रेन का समर्थन किया है। उधर,  दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र ने इस मामले में एक आपात बैठक बुलाई है।

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क्‍या है रूस का दावा
रूस का दावा है कि यूक्रेन के जहाज अजोव सागर में गैरकानूनी ढंग से उसकी जल सीमा प्रवेश किए हैं। रूस का यह भी कहना है कि यूक्रेनी नौकाएं काला सागर पर ओडेसा से अज़ोव सागर में मारिपोल के लिए अपना रास्ता बना रही थीं। इसके बाद रूस ने कर्च में तंग जलमार्ग पर एक पुल के नीचे टैंकर तैनात करके आज़ोव सागर की ओर जाने वाला रास्ता बंद कर दिया। रूसी सेनाओं ने यूक्रेनी नौसेना के बोट और दो तोपखाने जहाजों को जब्त कर लिया है। दरअसल, अज़ोव सागर की जलीय सीमाएं रूस और यूक्रेन के बीच बंटी हुई हैं। ये सागर ज़मीन से घिरा हुआ है और काला सागर से इस तंग रास्ते से होकर ही इसमें प्रवेश किया जा सकता है। यह एक साझा क्षेत्रीय क्षेत्र है। वर्ष 2014 में रूस ने क्रीमियाई प्रायद्वीप पर कब्‍जा किया है। अज़ोव सागर में यह एकमात्र संकीर्ण मार्ग है, जहां रूस ने इस ब्रिज को बनाने के लिए लाखों पौंड खर्च किया है। इस क्षेत्र में बड़ी तादाद में रूसी  नौसेना मौजूद है।
यूक्रेन ने की निंदा
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको ने रूस के इस कदम की निंदा की है। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद की बैठक में रूस की कार्रवाई की भर्त्‍सना करते हुए पेट्रो कहा है कि रूस का यह कदम उचित नहीं है। यह एक सनक भरा क़दम है। यूक्रेन का कहना है कि रूस की नौसेना ने यूक्रेन की नौकाओं का पीछा किया और फिर उन्हें अपने क़ब्ज़े में ले लिया। इस घटना में क्रू के छह सदस्य घायल हुए हैं। इस बाबत यूक्रेन में वॉर कैबिनेट की ज़रूरी बैठक बुलाई गई है। यूक्रेन की संसद मार्शल लॉ लगाने के एेलान पर पर आज वोटिंग कर सकती है।

रूस-यूक्रेन का पुराना विवाद
रूस और यूक्रेन के बीच समुद्री सीमा को लेकर विवाद काफी पुराना है। दाेनों देशों के बीच विवाद की शुरुआत तब हुई जब कुछ समय पहले यूक्रेन ने अपने क्षेत्र से रूस के कब्जे वाले क्रीमिया की एक नाव को पकड़ा था। मॉस्को ने इसके बाद ही यूक्रेन पर कड़ा रुख दिखाया। इसके बाद से रूस ने इस क्षेत्र से गुजरने वाले यूक्रेन के जहाजों पर निगरानी बढ़ा दी। दरअसल, अजोव सागर रूस के कब्जे वाले पूर्वी क्रीमिया और यूक्रेन के दक्षिणी इलाके में स्थित है। 2003 के एक करार के मुताबिक, दोनों ही देश किर्च खाड़ी पर मौजूद समुद्र का साझा रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां मौजूद दो बंदरगाह व्‍यावसायिक दृष्टि से अहम है।


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