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राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ करीब दस हजार लोगों ने किया प्रदर्शन, मांगा त्यागपत्र

मास्को में सड़कों पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों के विपरीत राजधानी से लगभग 4000 मील की दूरी पर एक कठिन क्षेत्र में पुतिन के खिलाफ गुस्से का प्रदर्शन एक असामान्य घटना है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 06:20 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 06:20 AM (IST)
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ करीब दस हजार लोगों ने किया प्रदर्शन, मांगा त्यागपत्र
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ करीब दस हजार लोगों ने किया प्रदर्शन, मांगा त्यागपत्र

मॉस्को, न्यूयॉर्क टाइम्स।  रूस के सुदूर पूर्वी इलाके में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ करीब दस हजार लोगों ने प्रदर्शन का आयोजन किया। प्रदर्शनकारी पुतिन से त्यागपत्र की मांग कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने क्षेत्रीय गवर्नर को रिहा करने की मांग की, जिन्हें पिछले सप्ताह हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया था।

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चीन की सीमा से लगे शहर खाबरोवस्क और कई अन्य शहरों में बड़े प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। इन प्रदर्शनों में हाल के दिनों में रूस में होने वाले प्रदर्शनों से ज्यादा लोग शामिल हुए।

पुतिन के लिए पैदा हो सकती है चुनौती

मास्को में सड़कों पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों के विपरीत राजधानी से लगभग 4,000 मील की दूरी पर एक कठिन क्षेत्र में पुतिन के खिलाफ गुस्से का प्रदर्शन एक असामान्य घटना है। इससे पुतिन के लिए नई चुनौती पैदा हो सकती है।

क्रेमलिन समर्थित प्रत्याशी को चुनाव में हराकर हासिल की थी सत्ता 

खाबरोवस्क और अन्य शहरों में प्रदर्शन क्षेत्र के लोकप्रिय गवर्नर सर्गेइ आइ फर्गल की गिरफ्तारी के खिलाफ हुआ है। वे रूस के उन कुछ प्रांतीय नेताओं में से एक हैं, जो क्रेमलिन द्वारा पूरी तरह से नियंत्रित राजनीतिक ताकतों से संबद्ध नहीं हैं। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य फर्गल ने 2018 में क्रेमलिन समर्थित प्रत्याशी को चुनाव में हराकर सत्ता हासिल की थी। क्रेमलिन के कई आलोचक उन्हें पुतिन के राजनीतिक दमन का शिकार बता रहे हैं।

रूस के आंतरिक मंत्रालय का आकलन है कि प्रदर्शन में 10,000 से 12,000 लोग शामिल हुए। हालांकि, स्थानीय मीडिया रिपोर्टो में प्रदर्शनकारियों की तादाद 40,000 से अधिक बताई जा रही है।

बता दें कि अभी हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने  उन संविधान संशोधनों को लागू करने का आदेश दिया था, जो उन्हें 2036 तक रूसी सत्ता में बनाए रखने की अनुमति देंगे। मतदाताओं ने एक सप्ताह तक चले जनमत संग्रह के दौरान बदलावों को मंजूरी दी थी। पुतिन ने संविधान संशोधन के लिए एक डिक्री पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि संशोधन लागू होता है। इसे लोगों की इच्छा के अनुसार लागू किया जाता है। रूसी राष्ट्रपति ने सांसदों के साथ वीडियो-कांफ्रेंस के दौरान कहा कि हमने एक देश के रूप में एक साथ यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया।


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