आतंकवाद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता: सुषमा स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद को मानव जाति के लिए अपराध बताया है।
सोच्चि (रूस), प्रेट्र। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मानना है कि आतंकवाद को धर्म से जोड़ना गलत है। उनके अनुसार, आतंकवाद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता और न जोड़ा जाना चाहिए। आतंकवाद को पूरी मानव जाति के लिए अपराध करार देते हुए सुषमा ने इसके मुकाबले के लिए सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया है। वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आई हुई हैं।
एससीओ चीन के वर्चस्व वाला एक सुरक्षा संगठन है, जिसे लगातार नाटो के बराबर खड़ा होता देखा जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य मध्य एशिया में सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर सहयोग बढ़ाना है। भारत स्थायी सदस्य के रूप में पहली बार एससीओ में शिरकत कर रहा है। इस साल जून में भारत और पाकिस्तान इसके स्थायी सदस्य बने थे।
सुषमा ने कहा, भारत आतंकवाद के किसी भी रूप और अभिव्यक्ति की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने कहा, 'एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के लिए मेरी ओर से पाकिस्तान को बधाई। यह बैठक हमारे लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत के एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद परिषद का यह पहला शिखर सम्मेलन है। इसके अलावा, यह हमारे पुराने और विश्वसनीय मित्र रूस द्वारा आयोजित किया जा रहा है। मैं इस बैठक की सफलता के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं देती हूं।'
सुषमा ने कहा, आतंकवाद के किसी भी कृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता। हम एससीओ तंत्र के भीतर सहयोग को लगातार मजबूत करने के लिए कृत संकल्प हैं। साथ ही व्यापक, सहयोगी और टिकाऊ सुरक्षा प्राप्त करने के लिए साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।
उन्होंने एससीओ की 16वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'आतंकवाद को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह संपूर्ण मानवता के खिलाफ एक अपराध है। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी भी मौजूद थे।
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