जानें- ब्लूमबर्ग में छपी किस रिपोर्ट पर रूस ने जताई सख्त नाराजगी, बाइडन-पुतिन की मुलाकात का दिया हवाला
रूस ब्लूमबर्ग में पब्लिश एक रिपोर्ट को लेकर काफी गुस्से में है। इस रिपोर्ट पर उस पर रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के सिस्टम को हैक करने का आरोप लगाया है। रूस का कहना है कि इस तरह की मनगढ़ंत रिपोर्ट देकर पत्रकारिता की मर्यादा को ध्यान में नहीं रखा गया।
वाशिंगटन (एएनआई)। अमेरिका स्थित रूसी दूतावास ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें उसके ऊपर रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने का आरोप लगाया था गया था। दूतावास की तरफ से कहा गया है कि हम 6 जुलाई को ब्लूमबर्ग में छपी उस खबर का खंडन करते हैं जिसमें आरएनसी के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने का आरोप हमारे ऊपर लगाया है। हम इस तरह की खबर की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। इसमें ये भी कहा गया है कि इस तरह की रिपोर्ट का कोई आधार नहीं है। ये पूरी तरह से तथ्यहीन और मनगढ़ंत हैं। दूतावास की तरफ से सामने आए बयान में ये भी कहा गया है कि पार्टी ने खुद भी इस तरह की खबरों का खंडन किया है।
गौरतलब है कि अमेरिकी मीडिया में ये खबर छपी थी रूस के एक आपराधिक ग्रुप जिसको एपीटी 29 और कोजी बीयर के नाम से जाना जाता है, ने रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के सिस्टम को हैक किया था। इसमें ये भी आरोप लगाया गया था कि इसके पीछे रूसी सरकार का हाथ है। दूतावास ने अपने बयान में कहा है कि इस तरह की बेबुनियाद खबर देने वाले पत्रकार ने पत्रकारिता की मर्यादा को तार-तार करने का काम किया है। किसी भी पत्रकार को इस तरह के आरोप लगाने से बचना चाहिए। फेसबुक पर जारी इस बयान में रूस ने अमेरिकी मीडिया को इशारों ही इशारों में चेतावनी देते हुए कहा है कि हम आपको याद दिलाना चाहते हैं कि जिनेवा में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई मुलाकात के दौरान साइबर सिक्योरिटी का मुद्दा सबसे अहम था।
इसमें ये भी कहा गया है कि इस दौरान जो एक समझौता हुआ था उसमें इस मुद्दे पर एक्सपर्ट डायलॉग की शुरुआत करने को भी कहा गया था। हम इस बात को लेकर पूरी तरह से आशांवित हैं कि इस मुद्दे के साथ साथ अन्य मुद्दों पर भी एक प्रोफेशनल डिस्कशन। इसमें इस बात को लेकर भी आशा की उम्मीद जताई गई है कि दोनों देशों के बीच सिक्योरिटी और इंफोर्मेशन को लेकर एक मजबूत ढांचा बनेगा। इस बयान के मुताबिक रूस ने कहा है कि इस तरह की झूठी खबरें दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों पर बाधा ही खड़ी कर सकती हैं।