US and Russia Relation: जिनेवा वार्ता का इफेक्ट, सामान्य हुए अमेरिका- रूस के रिश्ते, US में रूसी राजदूत की वापसी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन के बीच जिनेवा में हुई मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी थी। कई मसलों में एक मुद्दा राजदूतों की वापसी का भी था। इसी क्रम में अब दोनों देशों के बीच रिशतों में सुधार शुरुआत हो गई है।
मास्को, एजेंसी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन के बीच जिनेवा में हुई मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी थी। कई मसलों में एक मुद्दा राजदूतों की वापसी का भी था। इसी क्रम में अब दोनों देशों के बीच रिशतों में सुधार शुरुआत हो गई है। अमेरिका में रूस के राजदूत, अनातोली एंटोनोव, रविवार को वाशिंगटन लौटने से पहले आशावादी मूड में नजर आए। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि, अगले सप्ताह अमेरिका में सहयोगियों के साथ होने वाली बैठकें रचनात्मक होंगी। न्यूज एजेंसी आरआईए ने एंटोनोव के हवाले से कहा कि, उन्होंने अमेरिका के लिए रवाना होने से पहले कहा कि अभी बहुत से काम किए जाने हैं। हम प्रगति पर भरोसा करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वो आशावादी मानसिकता के साथ वापस लौट रहे हैं। अमेरिका में बैठकों का दौर सोमवार से शुरू होगा और पूरे सप्ताह जारी रहेगा।
दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों में आई नरमी
गौरतलब है कि मार्च के महीने में बाइडन ने एक साक्षात्कार के दौरान पुतिन को हत्याारा यानी किलर की संज्ञा दी थी। उनका ये बयान ऐसे वक्त में सामने आया था, जब अमेरिकी इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि बीते नवंबर में अमेरिका में हुए राष्ट्र पति चुनाव में पुतिन ने छेड़छाड़ की कोशिश की है। साथ ही इस रिपोर्ट में रूस पर आरोप लगाया गया था कि वह पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के पक्ष में चुनाव को मोड़ने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद मास्को ने परामर्श के लिए एंटोनोव को वापस बुला लिया था। वहीं अमेरिकी राजदूत भी बाद में परामर्श के लिए भी वाशिंगटन लौट आए थे।
तल्ख रिश्तों के बीच दोनों नेताओं की मुलाकात
16 जून को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की जिनेवा में मुलाकात हुई थी। यह बाइडन और पुतिन की पहली मुलाकात थी। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई, जब दोनों देशों के आपसी संबंध सबसे खराब दौर में हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रूस ने हाल में अमेरिका को ऐसे देशों की सूची में डाल दिया है, जिसके संबंध दोस्ताना नहीं है। इतना ही नहीं दोनों देशों में कोई राजदूत नहीं है।