2036 तक रूस के राष्ट्रपति रह सकते हैं पुतिन, जजनमत संग्रह में लोगों ने पक्ष में दिए वोट
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2036 तक अपना पद संभालते रह सकते हैं। क्योंकि बुधवार को नागरिकों ने देश की राजनीतिक स्थिति के पक्ष में मतदान किया।
मॉस्को (रूस) एएनआइ। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2036 तक अपना पद संभालते रह सकते हैं। क्योंकि, बुधवार को नागरिकों ने देश की राजनीतिक स्थिति के पक्ष में मतदान किया। संविधान संशोधन को लेकर हुई वोटिंग से ये साबित हो गया है कि पुतिन का दबदबा अभी भी कायम है। रूस संवैधानिक संशोधनों पर देशव्यापी जनमत संग्रह में वोट डालने का सिलसिला बुधवार को पूरा हो गया। सीएनएन ने बताया कि इस जीत के साथ पुतिन 2036 तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं।
स्पुतनिक ने केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रूसी संविधान में संशोधन के लिए मतदान शाम 5 बजे (स्थानीय समय) तक 64.99 प्रतिशत तक पहुंच गया। मतदान में 25 जून से डाले गए वोट शामिल हैं। वोट रूस के 1993 के संविधान में संशोधन शुरू करना चाहता है, जिसमें विवाह की संस्था की रक्षा करना, रूस की घरेलू नीति की प्राथमिकता के रूप में बच्चों को स्थापित करना और रूस की संस्कृति का समर्थन और सुरक्षा करने की बाध्यता शामिल है।
संशोधनों में रूसी संघ के राष्ट्रपति के लिए लगातार छह साल की दो शर्तों की सीमा भी शामिल है। यह प्रावधान राष्ट्रपति के लिए लागू होता है। इस प्रकार राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए 2024 में अपने वर्तमान कार्यकाल के समाप्त होने के बाद फिर से चलने का मार्ग प्रशस्त होता है।
जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन जनवरी में संविधान में संशोधन का प्रस्ताव लाए थे। इसके बाद पुतिन के कहने पर प्रधानमंत्री दिमित्रि मेदवेदेव ने इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद पुतिन ने मिखाइल मिशुस्टिन को पीएम बनाया जिनके पास राजनीति का कम अनुभव है। बता दें कि पुतिन 2000 में सत्ता में आए थे। मालूम हो कि व्लादिमीर पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को हुआ था, पुतिन 7 मई 2012 से रूस के राष्ट्रपति हैं। इससे पहले वह 1999 से 2000 तक और 2008 से 2012 तक देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।