रूस ने नए साइबर जासूसी अभियान के जरिये दी बाइडन को चुनौती, अमेरिकी राष्ट्रपति ने लगाए थे प्रतिबंध
माइक्रोसाफ्ट के अधिकारी व साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने रविवार को आगाह किया कि रूसी खुफिया एजेंसी नए अभियान के जरिये अमेरिका के हजारों सरकारी व कारपोरेट कर्मियों तथा थिंक टैंक के कंप्यूटर में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है।
मास्को, न्यूयार्क टाइम्स। रूस ने अब नए साइबर जासूसी अभियान के जरिये अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को चुनौती दी है। माइक्रोसाफ्ट के अधिकारी व साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने रविवार को आगाह किया कि रूसी खुफिया एजेंसी नए अभियान के जरिये अमेरिका के हजारों सरकारी व कारपोरेट कर्मियों तथा थिंक टैंक के कंप्यूटर में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है। करीब छह महीने पहले बाइडन ने दुनियाभर में जटिल खुफिया अभियान चलाने के आरोप में रूसी संस्थानों व कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे।
माइक्रोसाफ्ट के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी टाम बर्ट ने कहा कि नया अभियान काफी व्यापक है और इसकी शुरुआत हो चुकी है। सरकारी अधिकारी कहते हैं कि यह अभियान जाहिर तौर पर रूसी खुफिया एजेंसी एसवीआर द्वारा क्लाउड डाटा हासिल करने के लिए शुरू किया गया है। एसवीआर ने ही वर्ष 2016 के चुनाव के दौरान पहली बार डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के नेटवर्क में सेंधमारी की थी।
व्हाइट हाउस ने साल की शुरुआत में एसवीआर पर सोलरविंड्स साफ्टवेयर में सेंधमारी का आरोप लगाया था। यह काफी जटिल साफ्टवेयर माना जाता है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका की सरकारी एजेंसियां व बड़ी कंपनियां करती हैं। आरोप है कि साफ्टवेयर में बदलाव के जरिये रूसी खुफिया एजेंसी ने 18 हजार यूजर तक व्यापक पहुंच बना ली थी। इससे नाराज बाइडन ने अप्रैल में रूस के वित्तीय संस्थानों व प्रौद्योगिकी कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत के बाद उन्होंने प्रतिबंधों को वापस ले लिया था।
अमेरिकी अधिकारी कहते हैं कि माइक्रोसाफ्ट ने जिस प्रकार के हमले की रिपोर्ट की है, वह उस श्रेणी की जासूसी में आते हैं जो प्रमुख शक्तियां एक दूसरे के खिलाफ करती रहती हैं। सोलरविंड्स हमले का पता लगाने वाली कंपनी मैंडिएंट के वाइस प्रेसिडेंट जान हाल्टक्विस्ट कहते हैं, 'जासूस जासूसी करेंगे। लेकिन, हमें इससे सीख मिलती है कि एसवीआर बहुत अच्छी है और वह धीमी नहीं पड़ने वाली।'
हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि हालिया हमले कितने सफल रहे, लेकिन माइक्रोसाफ्ट का कहना है कि उसने हाल में हैकरों द्वारा 600 संगठनों के नेटवर्क में प्रवेश करने के लिए 23 हजार बार प्रयास किए जाने का पता लगाया है। तुलना करते हुए कंपनी ने कहा कि पिछले तीन वर्षो के दौरान उसे दुनियाभर में 20,500 लक्षित हमलों का पता चला था। माइक्रोसाफ्ट ने कहा कि हालिया हमलों में से कुछ प्रतिशत सफल रहे हैं, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि इससे कितनी कंपनियां प्रभावित हुईं।
----------