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Russia-US Relations: अमेरिका के साथ की गई ओपन स्काइज संधि से रूस बाहर, जानें क्‍या है पूरा मामला

पुतिन ने अमेरिका के साथ की गई ओपन स्काइज संधि को समाप्त करने के लिए हस्ताक्षर कर दिए हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने खुद ओपन स्काई से हटने का आदेश दिया था। इस संधि को लेकर रूस और अमेरिका के बीच गतिरोध चला आ रहा था।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 05:04 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 05:51 PM (IST)
Russia-US Relations: अमेरिका के साथ की गई ओपन स्काइज संधि से रूस बाहर, जानें क्‍या है पूरा मामला
अमेरिका के साथ की गई ओपन स्काईज संधि से रूस बाहर। फाइल फोटो।

मॉस्‍को, एजेंसी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को एक ऐसे कानून पर हस्ताक्षर किया, जिसके बाद रूस औपचारिक रूप से ओपन स्काइज हथियार नियंत्रण समझौते से बाहर आ गया है। इस समझौते के तहत सदस्य देशों को निगरानी उड़ानों की अनुमति थी। इससे पहले रूस ने उम्मीद जताई थी कि पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस महीने जेनेवा में होने वाली अपनी बैठक के दौरान इस समझौते पर बातचीत कर सकते हैं। लेकिन बाइडन प्रशासन ने रूस को पिछले महीने सूचित किया कि समझौते से बाहर आने के बाद अमेरिका फिर से इसमें शामिल नहीं होना चाहता है। अमेरिका 2020 में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में इस समझौते से बाहर आया था।

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समझौते की निगरानी और विश्वास बहाली को गंभीर नुकसान

रूस ने सोमवार को कहा कि समझौते से बाहर आने के अमेरिका के फैसले ने सदस्य देशों के बीच हितों के संतुलन को गड़बड़ाया। इसी के चलते मास्को भी इस संधि से बाहर आ रहा है। रूस ने कहा कि अमेरिकी फैसले से समझौते की निगरानी और विश्वास बहाली में इसकी अहमियत को गंभीर नुकसान पहुंचा। इससे रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न हुआ। रूस को पहले उम्मीद थी कि बाइडन अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति के फैसले को पलट देंगे। लेकिन बाइडन प्रशासन ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। इसने मास्को पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया, जिससे रूस ने इन्कार किया है।

क्या था ओपन स्काई संधि का मकसद

ओपन स्काई संधि का मकसद सदस्य देशों की सेना और उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने और सदस्य देशों के मिलिट्री इलाकों में टोही उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच विश्वास का निर्माण करना था। साल 1992 में की गई इस संधि में तीन दर्जन से अधिक देश शामिल हैं।

एक साल पहले हुई थी घोषणा

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक साल पहले ही घोषणा कर दी थी कि अमेरिका वाशिंगटन ओपन स्काई संधि से हट जाएगा। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था की रूस ने संधि की शर्तों का उल्लंघन किया है। मौजूदा वक्त में अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने भी मई के महीने में पूर्व राष्ट्रपति के फैसले पर बने रहने का फैसला किया। वहीं रूस ने संधि को समाप्त करने के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया है। पिछले हफ्ते, रूसी संसद के ऊपरी सदन ने संधि को रद करने के लिए मतदान किया था, जिसके बाद संधि को रद करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन के हस्ताक्षर अंतिम कानूनी प्रक्रिया थी। ओपन स्काई संधि पर दोनों देशों ने 24 मार्च 1992 को हेलसिंकी में हस्ताक्षर किए थे।

अब बचा है एक समझौता

अमेरिका और रूस के बीच अब सिर्फ एक प्रमुख हथियार नियंत्रण समझौता बचा है। ये समझौता फरवरी में समाप्त हो रहा था, लेकिन जो बिइडन और पुतिन की रजामंदी के बाद इस समझौते का विस्तार कर दिया गया। नई स्टार्ट परमाणु निरस्त्रीकरण संधि दोनों देशों को परमाणु शस्त्रागार में 800 वितरण प्रणालियों और 1,550 इस्तेमाल के लिए तैयार परमाणु हथियार तक सीमित रखने के लिए बाध्य करता है।


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