ईरान पर ट्रंप की अनदेखी के बाद संयुक्त राष्ट्र की वकालत में उतरे रूसी राष्टपति पुतिन
ईरान मसले पर अमेरिका की अलग राय के बाद रूस ने संयुक्त राष्ट्र का पक्ष लिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वैश्विक मामलों में रूस हमेशा से संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका में रहा है। रूस संयुक्त राष्ट्र को सुदृढ़ करने के पक्ष में रहा है।
मास्को, एजेंसी। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वैश्विक मामलों में रूस हमेशा से संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई में केंद्रीय भूमिका में रहा है। रूस संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक सदस्य रहा है और हमेशा संगठन को मजबूत करने की वकालत करता आया है। रूस सदैव संयुक्त राष्ट्र को सुदृढ़ करने के पक्षघर रहा है। पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई मसलों पर संयुक्त राष्ट्र के आग्रहों व नियमों की अनदेखी की है। खासकर ईरान के मसले पर यूएन और अमेरिका की अलग राय रही है। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर भी ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन पर सवाल उठाए थे। इतना ही नहीं संगठन पर चीन के साथ साठगांठ को लेकर भी मामला गरमाया था।
रूस ने यूएन की समस्त गतिविधियों एवं फैसलों का किया समर्थन
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार रूस ने संयुक्त राष्ट्र की समस्त गतिविधियों एवं फैसलों का समर्थन किया है। रूस ने संयुक्त राष्ट्र के अपने चार्टर के मानदंडों और सिद्धांतों के सख्त पालन करने पर जोर दिया है और उसका बचाव भी किया है। क्रेमलिन द्वारा प्रकाशित संदेश में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र एक निर्विवाद वैश्विक संरचना रहा है। यूएन मानवता के सामने मौजूद विविध समस्याओं के समाधान में बहुपक्षीय बातचीत और समान साझेदारी का अवसर प्रदान करता है। संदेश में कहा गया है कि 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों से निपटने में संयुक्त राष्ट्र प्रभावी और अहम भूमिका निभा सकता है। यह मानव जाति के लिए शांतिपूर्ण और समृद्ध विकास को सुनिश्चित करने की क्षमता रखता है।
ईरान पर प्रतिबंध के मसले पर संयुक्त राष्ट्र और यूएस में ठनी
ईरान पर प्रतिबंध के मसले पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने कहा था कि सुरक्षा परिषद से हरी झंडी मिलने तक वह फिलहाल तेहरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी मांग पर कोई मदद नहीं कर पाएगा। गुटेरस ने कहा कि वे इस मामले को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं। इस तरह ईरान पर पुन: प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका को अभी तक संयुक्त राष्ट्र का समर्थन नहीं मिल सका है। इस मामले को लेकर अमेरिका और सुरक्षा परिषद के बीच मतभेद उपजे।