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चीन-अमेरिका के मध्‍य तनाव के बीच रूस का बड़ा ऐलान, नौ सेना की क्षमता का होगा विस्‍तार

रूस ने कहा है कि आधुनिक युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए रूस अपनी नौ सेना की ताकत को बढ़ाएगा।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 08:55 AM (IST)
चीन-अमेरिका के मध्‍य तनाव के बीच रूस का बड़ा ऐलान, नौ सेना की क्षमता का होगा विस्‍तार
चीन-अमेरिका के मध्‍य तनाव के बीच रूस का बड़ा ऐलान, नौ सेना की क्षमता का होगा विस्‍तार

मास्‍को, एजेंसी। भारतीय प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में चीन और अमेरिका के बीच तनाव को देखते हुए रूस ने अपने नौ सैनिक बेड़े को और आधुनिकीकरण करने का आदेश दिया है। रूस ने कहा है कि आधुनिक युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए रूस अपनी नौ सेना की ताकत को बढ़ाएगा। रूसी राष्‍ट्रपति का यह बयान ऐसे समय आया है, जब दक्षिण चीन सागर और भारतीय प्रशांत महासागर में कई देशों की नौ सेना की नजर है। यहां चीन और अमेरिका की दिलचस्‍पी से रूस के कान भी खड़े हो गए हैं। 

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जंगी जहाजों को आधुनिक हथियारों से लैस करेंगे 

पुतिन ने सोमवार को क्रीमिया में एक युद्धपोत के कील-बिछाने समारोह में कहा कि हम आधुनिक युद्ध की चुनौती से निपटने के लिए नो सेना के आधुनीकिकरण के लिए प्रयास करते रहेंगे। हमारे जंगी जहाज अत्‍यधिक आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस होंगे। उन्‍होंने कहा कि नवीनतम जहाजों के निर्माण के लिए वैज्ञानिक उत्पादन और कर्मियों की क्षमता का अधिकतम उपयोग करना आवश्यक है। पुतिन ने कहा कि मौजूदा समय में निर्माण उद्योग पर भारी दबाव है। उसके पास आने वाले वर्षों के लिए ढेर सारे ऑर्डर हैं।

सोमवार से शुरू होगा छह नए युद्धपोतों का निर्माण 

पुतिन ने कहा कि छह नए युद्धपोतों का निर्माण सोमवार को तीन प्रमुख शिपयार्डों में शुरू हुआ है। इसमें दो केर्च में, सेंट पीटर्सबर्ग में दो फ्रिगेट और सेवरोडिन्स्किन में दो परमाणु पनडुब्बियां का निर्माण शामिल है। नए जहाजों को उन्नत हथियारों और लंबी दूरी की संचार प्रणालियों से लैस किया जाएगा, जो रूसी नौसेना की लड़ाई और रणनीतिक क्षमताओं को काफी मजबूत करेगा।

ऑस्ट्रेलिया ने भी बढ़ाया रक्षा बजट 

भारत-चीन सैन्य गतिरोध के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी की है। ऑस्ट्रेलियाई के प्रधानमन्त्री स्कॉट मॉरीसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को भविष्य के संभावित खतरों के प्रति सजग रहना होगा। चीन और अमेरिका के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा से सामरिक तनाव बहुत बढ़ सकता है। उन्‍होंने कहा कि हम आगामी दशक में देश की रक्षा क्षमताओं का आधुनिकीकरण करने जा रहे हैं, जिसके लिये 270 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का निवेश किया जा रहा है। चीन को इसका कारण बताते हुए मॉरीसन ने कहा कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन आक्रामक हो रहा है इसलिए ऑस्ट्रेलिया को हर तरह के हमले के लिए तैयार रहना होगा।       


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