रूस में विपक्ष पर बड़ा प्रहार, राष्ट्रपति पुतिन के घोर आलोचक एलेक्सी नवलनी आतंकी घोषित
रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के आलोचक एलेक्सी नवलनी ने बताया कि उन्हें एक आयोग ने उग्रवादी और आतंकी घोषित कर दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के धुर आलोचक नवलनी जेल में बंद हैं। नवलनी ने इंस्टाग्राम के जरिये कहा कि उन्हें आयोग की ओर से समन किया गया था।
मास्को, एजेंसी। रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के आलोचक एलेक्सी नवलनी ने बताया कि उन्हें एक आयोग ने उग्रवादी और आतंकी घोषित कर दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के धुर आलोचक नवलनी जेल में बंद हैं। नवलनी ने इंस्टाग्राम के जरिये कहा कि उन्हें आयोग की ओर से समन किया गया था। आयोग ने सर्वसम्मिति से उनको यह दर्जा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा को कुचला गया है। वह इस समय पैरोल उल्लंघन के लिए ढाई वर्ष जेल की सजा काट रहे हैं। नवलनी ने कहा कि वह इस तथ्य का स्वागत करते हैं कि उनके फरार होने का खतरा नहीं माना जाएगा। अब रात में गार्ड बार-बार जांच नहीं करेंगे। अपने वकील की मदद से किए गए पोस्ट में नवलनी ने कहा, 'बस इतना है कि अब मैं एक आतंकवादी हूं।'
इसके पूर्व रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आतंकी संगठनों के सदस्यों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर किए थे। इस कदम के द्वारा जेल में बंद क्रेमलिन के धुर आलोचक नवलनी के साथियों को इस साल होने वाले संसदीय चुनाव से अलग किया गया था। रूस में नवलनी की बढ़ती लोकप्रियता से पुतिन की चिंता बढ़ गई थी। यही कारण है कि रूस में होने वाले संसदीय चुनाव में उनके समर्थकों को संसद में प्रवेश से रोकना उनकी बड़ी प्राथमिकता थी। इस कानून के पारित हो जाने के बाद अब नवलनी के समर्थकों का संसद में प्रवेश रुक जाएगा। इसके दो महीने पूर्व पुतिन ने संविधान में एक बड़ा संशोधन किया था। इसकी विपक्ष ने काफी निंदा की थी।
नवलनी रूस की सरकार के सबसे बड़े आलोचकों में से एक हैं। अगस्त 2019 में वह उस वक्त सुर्खियों में आए जब 20 अगस्त को साइबेरिया से वापस मास्को लौटते हुए नवलनी को विमान में चाय में मिलाकर खतरनाक जहर दिया गया था। इसको पीते ही उनकी तबियत खराब होने लगी और वो अचानक बेहोश हो गए थे। इसके बाद उन्हें वहीं के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।19 सितंबर, 2019 को जर्मनी के अस्पताल में इलाज करवा रहे नवलनी ने कहा था कि वो जल्द ही पूरी तरह से ठीक होकर वापस रूस आएंगे। इसके बाद इस खबर ने जोर पकड़ा और इसके लिए रूस की सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाने लगा।
30 दिसंबर, 2019 को ही उनके खिलाफ रूस की सरकार ने दबाव बनाते धोखाधड़ी के नए मामले दर्ज किए थे। उन पर एंटी करप्शन फाउंडेशन समेत अन्य संस्थाओं के लिए अरबों डालर की फंडिंग में धांधली किए जाने का आरोप है। उनके स्वदेश पहुंचने से पहले ही रूसी जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी थी। इसके अलावा उनके ऊपर एक पुराने मामले में सजा के निलंबन की शर्तो का उल्लंघन किए जाने का भी आरोप है।