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सत्ता पर बने रहने प्रस्ताव पर पुतिन ने किए दस्तखत, अब 22 अप्रैल को ऑनलाइन वोटिंग पर विचार

Vladimir Putin ने उस संवैधानिक संशोधन पर दस्तखत कर उसे कानून का रूप दे दिया जिसके चलते उन्हें राष्ट्रपति बने रहने के दो और कार्यकाल मिलेंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 10:40 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 10:40 PM (IST)
सत्ता पर बने रहने प्रस्ताव पर पुतिन ने किए दस्तखत, अब 22 अप्रैल को ऑनलाइन वोटिंग पर विचार
सत्ता पर बने रहने प्रस्ताव पर पुतिन ने किए दस्तखत, अब 22 अप्रैल को ऑनलाइन वोटिंग पर विचार

मॉस्को, एएफपी। मॉस्को, एएफपी। रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने शनिवार को उस संवैधानिक संशोधन (Constitutional change) पर दस्तखत कर उसे कानून का रूप दे दिया जिसके चलते उन्हें राष्ट्रपति बने रहने के दो और कार्यकाल मिलेंगे। इस प्रस्ताव को देश की संसद के दोनों सदन और सभी 85 राज्य विधानसभाएं पारित कर चुकी हैं। राष्ट्रपति के क्रेमलिन कार्यालय ने अपनी वेबसाइट पर नए कानून से संबंधित 68 पेज की जानकारी जारी कर दी है। अब यह कानूनी बदलाव संवैधानिक अदालत में स्वीकृति के लिए जाएगा। 

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इसके बाद पुतिन को 2024 में चुनाव लड़ने का संवैधानिक अधिकार मिल जाएगा। वैसे 22 अप्रैल को रूस की जनता भी मतदान के जरिये अपनी राय जाहिर करेगी। रूसी संसद के उच्च सदन की स्पीकर वैलेंटीना मैटविएंको ने कहा है कि मतदान जरूर होगा लेकिन कोरोना वायरस को लेकर चिंता की स्थिति बनी हुई है। इसलिए ऑनलाइन वोटिंग के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि विपक्ष ने ऑनलाइन वोटिंग के विकल्प पर विचार की आलोचना की है। कहा है कि इससे गड़बड़ी होने की आशंका बढ़ जाएगी।

पुतिन (67) ने बीते बुधवार को उस समय पूरी दुनिया को सकते में ला दिया जब रूस की संसद ने उन्हें दो और कार्यकालों के लिए चुने जाने का प्रस्ताव पारित कर दिया। जबकि चंद रोज पहले पुतिन ने राष्ट्रपति बने रहने की संभावना से इन्कार कर दिया। लेकिन अब उनके प्रवक्ता ने कहा है कि दुनिया में अस्थिरता के हालात को देखते हुए पुतिन ने राष्ट्रपति पद पर बने रहने का फैसला किया है।

बता दें कि इस संविधान संशोधन में किसी अन्य व्यक्ति के लिए अधिकतम दो बार राष्ट्रपति बने रहने का संवैधानिक प्रावधान बरकरार है। प्रस्ताव पारित होने के बाद ड्यूमा के स्पीकर याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा था कि रूस के विकास और मजबूती के लिए पुतिन का राष्ट्रपति बने रहना जरूरी है। इसीलिए राष्ट्र हित में ड्यूमा ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वहीं पुतिन के आलोचक विपक्ष के नेता एलेक्सेई नावेल्नी ने इस प्रस्‍ताव को पुतिन के इस कदम की निंदा की है। 


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