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ओपन स्काई ट्रीटी: अमेरिका के बाद अब रूस भी अलग हुआ मुक्त आकाश समझौते से

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर 2020 में अमेरिका के ओपन स्काई ट्रीटी से अलग होने की घोषणा कर दी। कहा रूस इस समझौते का गलत इस्तेमाल कर रहा है। अब रूस ने भी समझौते से अलग होने की घोषणा कर दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 10:40 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 10:40 PM (IST)
ओपन स्काई ट्रीटी: अमेरिका के बाद अब रूस भी अलग हुआ मुक्त आकाश समझौते से
समझौते में शामिल देशों के विमान अन्य देशों के सैन्य परिसरों के ऊपर से उड़ते थे।

मॉस्को, एपी। अमेरिका के बाद अब रूस ने भी मुक्त आकाश समझौते से खुद को अलग कर लिया है। इस समझौते में शामिल देशों के विमान अन्य देशों के सैन्य परिसरों के ऊपर से उड़ते थे और वहां की सैन्य गतिविधियों की टोह लेते थे, लेकिन अमेरिका के बाद अब रूस में भी यह संभव नहीं हो पाएगा।

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रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा-  2020 में अमेरिका हो गया था अलग 

रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, अमेरिका 2020 में इस समझौते से अलग हो गया था। इसलिए संतुलन कायम करने के लिए रूस का यह निर्णय लेना जरूरी हो गया था। रूस की संसद ने 2001 में इस समझौते की मूल शर्तों में बदलाव किया, लेकिन अब इससे अलग होने का फैसला किया है।

समझौते में शामिल देशों के विमान अन्य देशों के सैन्य परिसरों के ऊपर से उड़ते थे

यह समझौता रूस और पश्चिम के देशों के बीच विश्वास बढ़ने का प्रतीक माना जाता था। इसमें तीन दर्जन देश शामिल थे, जिसमें अमेरिका और रूस प्रमुख थे। इसमें शामिल देशों के विमान अन्य देशों के सैन्य प्रतिष्ठानों के ऊपर से उड़ सकते थे। इससे उन्हें सैन्य गतिविधियों और सैनिकों की संख्या के बारे में जानकारी मिल जाती थी।

समझौते का उद्देश्य सैन्य गतिविधियों के प्रति पारदर्शिता को कायम करना था

इस समझौते के तहत 1,500 से ज्यादा उड़ानें हुईं। इस समझौते का उद्देश्य सैन्य गतिविधियों के प्रति पारदर्शिता को कायम करना था। इससे हथियारों के नियंत्रण में मदद मिलती थी और आपसी टकराव की आशंका कम होती थी।

ट्रंप ने रूस पर समझौते का गलत इस्तेमाल का आरोप लगाकर अमेरिका अलग हो गया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर 2020 में अमेरिका के ओपन स्काई ट्रीटी से अलग होने की घोषणा कर दी। कहा, रूस इस समझौते का गलत इस्तेमाल कर रहा है। जबकि रूस ने कहा था कि 2002 में हुए इस समझौते का उसने कभी दुरुपयोग नहीं किया। अब रूस ने भी समझौते से अलग होने की घोषणा कर दी है।


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