अमेरिका के नए विदेश मंत्री माइक पोमपियो से तुर्की की है ये चाहत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को हटा दिया है। ट्रंप ने नया विदेश मंत्री माइक पोंपेयो को बनाया है।
रायटर, मॉस्को। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को अचानक ही अपने विदेश सचिव रेक्स टिलरसन की बर्खास्तगी का एलान कर दिया। उनकी जगह अमेरिका की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीआईए के प्रमुख माइक पोमपियो को नया विदेश सचिव बनाया गया है। तुर्की का कहना है कि वे नए अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ ही अच्छे रिश्ते बनाने का इच्छुक है, लेकिन सीआइए प्रमुख को यह याद रखना होगा कि अंकारा सम्मान चाहता है।
तुर्की के विदेश मंत्री मेहमत कावुसोग्लु ने बुधवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेइ लावरोव के साथ मास्को में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रेक्स टिल्लरन के चले जाने की वजह से 19 मार्च को संयुक्त राज्य अमेरिका और तुर्की के बीच प्रस्तावित वार्ता में विलंब हो सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को हटा दिया है। ट्रंप ने नया विदेश मंत्री माइक पोंपेयो को बनाया है। माइक पोंपेयो इससे पहले सीआइए के डायरेक्टर थे। ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए मंगलवार को टिलरसन को उनके पद से हटाने की जानकारी दी। साथ ही उनको धन्यवाद भी दिया।
भारत ने भी जताई चिंता
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह से अपने विदेश सचिव रेक्स टिलरसन को बर्खास्त किया है, उसका भारत व अमेरिका के बीच होने वाली 'टू प्लस टू' वार्ता पर असर पड़ना तय है। इस वार्ता की योजना पीएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच जून, 2017 में हुई पहली मुलाकात में बनी थी, जिसका मकसद दोनों देशों के रणनीतिक व कूटनीतिक रिश्तों की दशा व दिशा तय करना था। यह वार्ता दोनो देशों के विदेश व रक्षा मंत्रियों की अगुवाई में होने वाली है। इसकी पहली बैठक अप्रैल, 2018 में होने को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही थी। भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस बदलाव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लेकिन कूटनीतिक जानकार मान रहे हैं कि पोमपियो अभी हर देश के साथ चल रही बातचीत व द्विपक्षीय मुद्दों को समझने की कोशिश करेंगे। ऐसे में वह भारत जैसे अहम देश के साथ होने वाली बेहद महत्वपूर्ण बैठक में अपने देश की अगुवाई बगैर पूरी तैयारी के नहीं करना चाहेंगे। टिलरसन की तरफ से भारत-अमेरिकी रिश्तों की गहराई समझने की लगातार कोशिश की जा रही थी। पिछले वर्ष अक्टूबर, 2017 में टिलरसन ने भारत की यात्रा की थी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ द्विपक्षीय रिश्तों पर लंबी बातचीत की थी। उसे 'टू प्लस टू' की तैयारियों के तौर पर भी देखा गया था।