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यदि यूक्रेन को मिली नाटो की सदस्‍यता तो ये उसके लिए होगी रेड लाइन- रूस ने दिया साफ संकेत

रूस ने यूक्रेन को नाटो की सदस्‍यता को लेकर सीधेतौर पर चेतावनी दी है। रूस ने साथ ही अमेरिका को भी ये कह दिया है कि ये फैसला एक रेड लाइन होगी। आपको बता दें कि काफी समय से दोनों के संबंध काफी तनावपूर्ण हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 03:11 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 03:11 PM (IST)
यदि यूक्रेन को मिली नाटो की सदस्‍यता तो ये उसके लिए होगी रेड लाइन- रूस ने दिया साफ संकेत
यूक्रेन को रूस ने दी है सीधी चेतावनी

मास्‍को (रॉयटर्स)। रूस ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन के लिए नाटो की सदस्‍यता एक रेड लाइन होगी। क्रेमलिन से जारी एक बयान में कहा गया है कि रूस को इस बात की चिंता है कि एक दिन यूक्रेन को नाटो की सदस्‍यता मिल जाएगी। क्रेमलिन के प्रवक्‍ता दमित्री पेस्‍कॉव ने इस तरह का बयान ऐसे समय में दिया है जब एक दिन पहले ही अमेरिका और रूसी राष्‍ट्रपति बीच जिनेवा में वर्षों बाद पहली बार शिखर वार्ता हुई है। इस शिखर वार्ता को दोनों ही नेताओं ने काफी अच्‍छा बताया है। पेस्‍कॉव ने भी पत्रकारों को इस बारे में जवाब देते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत काफी अच्‍छी रही है।

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आपको बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच काफी समय से तनाव चल रहा है। राजनीतिक स्‍तर से बढ़कर ये अब रणनीतिक स्‍तर तक चला गया है। यूक्रेन भी रूस से कहीं ने कहीं डरा हुआ है। यही वजह है कि यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वालोदीमीर जेलेंस्‍की ने सोमवार को सीधेतौर पर अमेरिका से पूछा था कि वो हां या ना में उन्‍हें बताएं कि यूक्रेन को नाटो की सदस्‍यता मिलेगी या नहीं।

इसके जवाब में अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि यूक्रेन को किसी भी दूसरी संगठन को ज्‍वाइंन करने से पहले अपने यहां पर फैले भ्रष्‍टाचार पर लगाम लगानी होगी। क्रेमलिन के प्रवक्‍ता पेस्‍कॉव ने कहा कि मास्‍को इस बारे में दोनों देशों पर पूरी निगाह रखे हुए है और वो करीब से चीजों को देख रहा है। उन्‍होंने कहा कि हम करीब से चीजों को देख रहे हैं और नाटो की सदस्‍यता मास्‍को के लिए के लिए एक रेड लाइन है।

पेस्‍कॉव ने रेडियो स्‍टेशन पर कहा कि यूक्रेन को नाटो की सदस्‍यता को लेकर मास्‍को चिंतित है। उन्‍होंने कहा कि जिनेवा में राष्‍ट्रपति जो बाइडन और राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत में दोनों ही देश हथियारों पर नियंत्रण को लेकर जल्‍द से जल्‍द बात करने के हिमायती हैं।

उन्‍होंने ये भी कहा कि दोनों ही नेताओं ने इस बात पर अपनी सहमति जताई है कि भविष्‍य में हथियारों पर नियंत्रण रखने के लिए लगातार बातचीत करना जरूर है, जिससे आगे की राह आसान की जा सकती है। साथ ही ये तनाव कम करने का भी जरिया है। गौरतलब है कि रूस के डिप्‍टी मिनिस्‍टर ने गुरुवार को कहा था कि अमेरिका और रूस के बीच इस सप्‍ताह बातचीत हो सकती है। उन्‍होंने ये बात एक अखबार को दिए इंटरव्‍यू में कही थी, जो रूस के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर पब्लिश किया गया था।


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