मॉस्को में पुतिन का विरोध कर रहे लोगों पर बल प्रयोग, 132 लोगों को किया गया गिरफ्तार
बुधवार को भी सैकड़ों लोग मॉस्को के मध्य में एकत्रित हुए थे और उन्होंने संविधान संशोधन के सिलसिले में पूरे देश में हुए मतदान के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की थी।
मॉस्को, एपी। रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 2036 तक सत्ता में बने रहने का अधिकार देने वाले संविधान संशोधन का विरोध कर रहे 132 लोगों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि ओवीडी इन्फो राइट्स ग्रुप ने दावा किया है कि पुलिस ने 147 लोगों को गिरफ्तार किया है। पता चला है कि प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी तब हुई जब वे नारेबाजी करते हुए सड़कों को रोकने लगे। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को जमीन पर गिरा लिया और उन्हें खींचकर वैन में डाल लिया और अपने साथ ले गए।
2036 तक सत्ता में बने रहने वाली प्रक्रिया का हो रहा विरोध
बुधवार को भी सैकड़ों लोग मॉस्को के मध्य में एकत्रित हुए थे और उन्होंने संविधान संशोधन के सिलसिले में पूरे देश में हुए मतदान के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की थी। इन लोगों ने एक याचिका पर दस्तखत कर कुछ अन्य मांगें पूरी किए जाने की भी अपेक्षा की थी। प्रशासन की अनुमति के बगैर हुए इस जमावड़े को नो नाम के संगठन ने एकत्रित किया था। संगठन का कहना है कि मतदान संविधान के प्रावधानों के खिलाफ था। कोरोना संक्रमण के दौर में देश में हुए चरणबद्ध मतदान की व्यापक आलोचना हो रही है। स्वतंत्र पर्यवेक्षकों और मीडिया ने कई स्थानों पर नियमों के उल्लंघन और मतदान में गड़बड़ी की आशंका को जाहिर किया है।
हजारों लोग सड़कों पर उतरे, पुतिन के इस्तीफे की मांग
पिछले दिनों रूस के सुदूरवर्ती इलाके में बेहद लोकप्रिय गवर्नर की गिरफ्तारी के बाद हजारों स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और राष्ट्रपति पुतिन के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारी 'पुतिन इस्तीफा दो' के नारे लगा रहे हैं और गवर्नर सर्गेई फुरगाल की रिहा करने की मांग कर रहे हैं। गवर्नर को हत्याओं के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। ये विरोध प्रदर्शन चीन से सटे सीमाई इलाके खबरोव्स्क और कई अन्य कस्बों में हुए हैं।