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सीरिया की मदद के लिए आगे आए फ्रांस और जर्मनी, रूस के राष्ट्रपति से की बात

सीरिया की मदद के लिए फ्रांस और जर्मनी आगे आए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात की।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 26 Feb 2018 11:06 AM (IST)Updated: Mon, 26 Feb 2018 12:23 PM (IST)
सीरिया की मदद के लिए आगे आए फ्रांस और जर्मनी, रूस के राष्ट्रपति से की बात
सीरिया की मदद के लिए आगे आए फ्रांस और जर्मनी, रूस के राष्ट्रपति से की बात

मॉस्को (आइएएनएस)। सीरिया की मदद के लिए फ्रांस और जर्मनी आगे आए हैं। फ्रांस और जर्मनी ने कहा है कि वे सीरिया में युद्धविराम के लिए रूस और उसके यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया की मौजूदा स्थिति को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने रविवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की है।

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यह बातचीत सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के युद्धविराम के क्रियान्वयन को लेकर हुई। दोनों देशों के बीच यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में नए हवाई हमले की खबर सामने आई है। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, इस बातचीत में सीरिया में स्थायी शांति के लिए आवश्यक राजनीतिक रोडमैप पर भी चर्चा हुई। इस संदर्भ में फ्रांसीसी राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, यूरोप और फ्रांस के विदेश मामलों के मंत्री जीन यवेस ले डायन 27 फरवरी को मास्को जाएंगे।

सीरिया की सरकार पर बनाना होगा दबाव

फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, मैक्रों और मर्केल ने रूस को वार्ता के दौरान कहा कि बमबारी को रोकने के लिए सीरिया की सरकार पर अधिकतम दबाव डालना होगा और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को बिना किसी देरी के अपनाया चाहिए ताकि एक मजबूत निगरानी तंत्र का कार्यान्वयन किया जा सके। इसमें कहा गया है कि जो जमीनी तौर पर इससे प्रभावित हैं उन लोगों को इसके क्रियान्वयन में जरूर योगदान करना चाहिए। खासकर एस्टाना फार्मेट, रूस, ईरान और तुर्की जैसे देशों को।

UN के प्रस्ताव का फ्रांस और जर्मनी ने किया स्वागत

मैक्रों और मर्केल ने सीरिया की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र परिषद द्वारा जारी प्रस्ताव का स्वागत किया है। बता दें कि सीरिया में चल रहे संघर्ष को रोकने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 30 दिन के संघर्षविराम पर सहमति बनी है। सुरक्षा परिषद ने मानवीय और चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए इसे मंजूरी दी है। हालांकि इससे बाद में सीरिया में हवाई बमबारी जारी है।

हवाई हमले में 7 दिनों में करीब 500 नागरिकों की मौत

बता दें कि सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी घोउटा इलाके में सीरियाई सरकार के हवाई हमले में सात दिनों के अंदर करीब 500 नागरिकों की मौत हो गई है। पूर्वी घोउटा राजधानी दमिश्क के पास स्थित है। सीरियन ऑब्जेवेटी फोर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक मारे गए लोगों में 120 से अधिक बच्चे थे। रविवार के हवाई हमले में कम से कम 29 नागरिकों की मौत हो गई। इनमें 17 की मौत डौमा शहर में हुई। सीरिया में विद्रोहियों पर ये हमले सीरिया और रूसी सैन्यबल कर रहे हैं। हालांकि अब रूस भी संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है।

ऐसे माना रूस


रूस की सहमति पाने के लिए प्रस्ताव की भाषा में बदलाव किया गया। पहले प्रस्ताव को मंजूरी के 72 घंटे बाद युद्ध विराम लागू करने की बात थी। इसे बदल कर 'बिना देरी' जोड़ा गया। साथ ही सहायता पहुंचाने के संदर्भ में तत्काल शब्द को हटा लिया गया। साथ ही यह भी शामिल किया गया कि इस्लामिक स्टेट या अलकायदा और उनसे जुड़े आतंकियों, संगठनों और संस्थाओं पर युद्ध विराम लागू नहीं होगा। बता दें कि रूस सीरियाई संघर्ष को लेकर अब तक 11 मसौदा प्रस्तावों पर वीटो लगा चुका है।


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