रूस में पुतिन को बनाए रखने पर सभी 85 विधानसभाओं ने लगाई मुहर, जानें अब आगे क्या हैं विकल्प
पुतिन के अगले कार्यकाल का रास्ता साफ हो रहा है। सभी 85 राज्य विधानसभाओं ने पुतिन को 2024 के बाद भी राष्ट्रपति बनाए रखने के संविधान संशोधन प्रस्ताव मुहर लगा दी है।
मॉस्को, रायटर। रूस में सभी 85 राज्य विधानसभाओं ने व्लादिमीर पुतिन को 2024 के बाद भी राष्ट्रपति बनाए रखने के संविधान संशोधन प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। संसद के दोनों सदन इस प्रस्ताव को पहले ही पारित कर चुके हैं। रूस में यह संवैधानिक बदलाव कुछ वैसे ही पास हुआ है जैसे कि चीन में शी चिनफिंग के जीवन भर राष्ट्रपति बने रहने को लेकर हुआ था। जाहिर है कि रूस में पुतिन की मजबूती और चीन में शी चिनफिंग की मजबूती से अमेरिका पर दबाव बढ़ेगा।
पुतिन (67) करीब दो दशक से रूस की सत्ता में शीर्ष पुरुष बने हुए हैं। इस दौरान वह राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं। 2024 में राष्ट्रपति के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल पूरा हो रहा है। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार इसके बाद वह तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे। लेकिन बुधवार को संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर उनके राष्ट्रपति के तौर पर पूर्व के सभी कार्यकालों को शून्य घोषित कर दिया है।
इसके चलते पुतिन छह-छह साल के दो कार्यकालों के लिए फिर से राष्ट्रपति बन सकते हैं। इसलिए 2024 में उनके फिर से चुनाव लड़ने और राष्ट्रपति बनने की संभावना प्रबल हो गई है। वह सन 2036 तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। पुतिन ने इसके लिए रूपरेखा जनवरी से ही तैयार करनी शुरू कर दी थी। इसके लिए दिमित्री मेदवेदेव से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया था और अन्य बड़े पदों पर भी बदलाव किया गया था।
क्षेत्रीय विधानसभाओं के बाद अब रूस की संवैधानिक अदालत संविधान में संशोधन वाले इस पारित प्रस्ताव की समीक्षा करेगी। इसके बाद अप्रैल में जनता की राय जानने के लिए मतदान कराया जाएगा। इस बीच ड्यूमा के स्पीकर याचेस्लाव वोलोदिन ने सांसदों ने कहा है कि विदेशी मीडिया रूस के खिलाफ अभियान चलाकर पुतिन के पक्ष हुए इस संविधान संशोधन का विरोध कर रहा है। सांसद यह बात जनता के बीच जाकर बताएं।
हालांकि किसी अन्य व्यक्ति के लिए अधिकतम दो बार राष्ट्रपति बने रहने का संवैधानिक प्रावधान बरकरार है। प्रस्ताव पारित होने के बाद ड्यूमा के स्पीकर याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा कि रूस के विकास और मजबूती के लिए पुतिन का राष्ट्रपति बने रहना जरूरी है। इसीलिए राष्ट्र हित में ड्यूमा ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वहीं पुतिन के आलोचक विपक्ष के नेता एलेक्सेई नावेल्नी ने इस प्रस्ताव को पुतिन के आजीवन राष्ट्रपति बने रहने की कोशिश बताया है।