कोरोना वायरस महामारी के हालात पर मोदी-पुतिन के बीच हुई चर्चा, आज G-20 बैठक में करेंगे शिरकत
आज जी-20 देशों की वर्चुअल शीर्ष बैठक होनी है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समूह के अन्य देश शिरकत करेंगे।
मॉस्को, प्रेट्र। जी-20 देशों की आज होने वाली वर्चुअल आपात शीर्ष बैठक से पहले बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के हालात पर विचार-विमर्श किया।क्रेमलिन से जारी एक बयान के मुताबिक, रूस-भारत की रणनीतिक साझेदारी के तहत जारी गोपनीय वार्ता के क्रम में व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी ने संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए दोनों देशों में शुरू किए गए उपायों के बारे में एक दूसरे को विस्तार से जानकारी दी।
भारत में रूसी नागरिकों और रूस में भारतीय नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए दोनों नेताओं ने एक दूसरे की सराहना की। दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति भी व्यक्त की।मालूम हो कि सऊदी अरब इस समय जी-20 का अध्यक्ष है।
बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इन देशों के समूह की पिछले दिनों वैश्विक संकट से निपटने में सुस्त रहने के लिए आलोचना की जा रही थी। लिहाजा पिछले हफ्ते सऊदी अरब ने यह बैठक बुलाने का फैसला किया। सऊदी किंग सलमान इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समूह के अन्य देश शिरकत करेंगे।
सऊदी अरब के किंग करेंगे अध्यक्षता
कोरोना महामारी से उपजे वैश्विक संकट को देखते G-20 देश के नेता गुरुवार को वीडियो वार्ता करेंगे। सऊदी अरब के किंग सलमान इस आपातकालीन शिखर बैठक की अध्यक्षता करेंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित विश्व के नेता इस वार्ता में भाग लेंगे। क्रेमलिन ने कहा कि यह शिखर बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगा।
रियाद द्वारा बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि सीओवीआईडी -19 महामारी से उपजे वैश्विक संकट पर इसके मानवीय और आर्थिक प्रभावों के लिए एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया के लिए आयोजित की जा रही है। सऊदी किंग सलमान बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
बता दें, मौजूदा समय में सऊदी अरब जी-20 के अध्यक्ष पद पर काबिज है। सऊदी ने पिछले हफ्ते कोरोना को लेकर एक शिखर सम्मेलन का आह्वान किया था। सऊदी ने यह कदम तब उठाया जब कोरोना पर उपजे वैश्विक संकट पर इसकी भूमिका और निष्क्रियता पर सवाल उठे थे।