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अफगानिस्तान से निकासी अभियान जारी, 500 से अधिक रुसी नगारिकों को बाहर निकाला गया

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया कि चार सैन्य परिवहन विमानों द्वारा 500 से अधिक लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया है इसमे रुस के नगारिक और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) के सदस्य भी शामिल हैं। पढ़ें और क्या बोले पुतिन।

By Pooja SinghEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 02:28 PM (IST)Updated: Thu, 26 Aug 2021 02:28 PM (IST)
अफगानिस्तान से निकासी अभियान जारी, 500 से अधिक रुसी नगारिकों को बाहर निकाला गया
अफगानिस्तान से निकासी अभियान जारी, 500 से अधिक रुसी नगारिकों को बाहर निकाला गया

मास्को, एएनआइ। अफगानिस्तान में फंसे लोगों की निकासी के लिए दुनियाभर में अभियान चलाया जा रहा है। तलिबान के कब्जे के बाद लगातार काबुल में हालात बिगड़ रहे हैं। चारों तरफ अफरातफरी का मौहाल है। अब खबर है कि रूस ने अफगानिस्तान से गुरुवार तक 500 से अधिक लोगों को बाहर निकाला है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया कि चार सैन्य परिवहन विमानों द्वारा 500 से अधिक लोगों को निकाला गया है, इसमे रुस के नगारिक और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) के सदस्य भी शामिल हैं।

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बुधवार को चार विमानों ने भरी थी उड़ान

रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान से निकासी अभियान के लिए बुधवार को काबुल से चार विमानों ने उड़ान भरी थी। नागरिकों को छोड़ने के लिए किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान में ठहराव किया गया था। बता दें कि अफगानिस्तान से निकाले गए लोगों के साथ रूसी रक्षा मंत्रालय के दो Il-76 विमान आज मास्को के पास चाकलोव्स्की हवाई अड्डे पर उतरे।

इससे पहले भी दो विमान चाकलोव्स्की, आईएल-62 और इल-76 पर उतरे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, आईएल-76 विमान में करीब 100 लोग सवार थे, जिनमें ज्यादातर अफगान मूल के रूसी नागरिक थे। रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी रक्षा मंत्रालय ने लोगों को निकालने के लिए अफगानिस्तान भेजे गए सभी चार विमान स्वदेश लौट आए हैं।

लोगों ने बताई अपनी आप बीती

अफगानिस्तान से निकाले गए लोगों में से एक ने पत्रकारों को बताया कि उसने पांच महीने अफगानिस्तान में बिताए हैं। उन्होंने कहा कि वह उस देश में अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे, लेकिन तालिबान के कब्ज के चलते फंस गए।

बता दें कि आज ही रुसी व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस अफगानिस्तान के घरेलू मामले में दखल नहीं करेगा। गौरतलब है कि 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। खुद वहां के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी देश छोड़ दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने मीडिया के सामने सफाई पेश की थी। 


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