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हाफिज के जमात उद दावा का फूटा गुस्‍सा, रक्षा मंत्री को दी कानूनी कार्रवाई की धमकी

अमेरिका मानता है कि जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेश आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो चेहरे हैं। लश्कर –ए-तैयबा की स्थापना हाफिज ने 1987 में की थी।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 04 Jan 2018 04:55 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jan 2018 04:55 PM (IST)
हाफिज के जमात उद दावा का फूटा गुस्‍सा, रक्षा मंत्री को दी कानूनी कार्रवाई की धमकी
हाफिज के जमात उद दावा का फूटा गुस्‍सा, रक्षा मंत्री को दी कानूनी कार्रवाई की धमकी

लाहौर, पीटीआइ। मुंबई हमले के मास्‍टरमाइंड और जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद के ऊपर शिकंजा कसा, तो उसने छटपटाना शुरू कर दिया है। जमात उद दावा ने पाकिस्‍तान पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है।

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डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को हाल ही में फटकार लगाई गई। ट्रंप ने कहा कि पाकिस्‍तान पिछले 15 सालों से अमेरिका को मूर्ख बनाता आ रहा है। इसके बाद आनन-फानन में पाकिस्‍तान सरकार की ओर से हाफिज सईद के संगठन के चंदा जुटाने पर रोक लगा दी गई। सरकार के इस कदम से खफा जमात उद दावा अब पाक रक्षा मंत्री को कानूनी नोटिस भेजने की तैयारी में है। जेयूडी ने कहा कि वो अपने संगठन को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय को कानूनी नोटिस भेजेंगे।



हालांकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने बयान दिया था कि जमात उद दावा पर कार्रवाई अमेरिकी दबाव में नहीं की गई है। लेकिन जमात उद दावा के प्रवक्ता याहया मुजाहिद ने कहा कि दस्तगीर वही भाषा बोल रहे हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की है। उन्होंने इस बात के लिए भी रक्षामंत्री की कड़ी आलोचना की कि यह कार्रवाई जेयूडी, एफआईएफ और अन्य संगठनों पर की गई है, ताकि वह स्कूली छात्रों पर आतंकवादी अब और फायरिंग ना कर सके।

मुजाहिद ने कहा, 'यह अपमानजनक है, हम अपने पर की गई इस अपमानजनक टिप्पणी के लिए मंत्री को कानूनी नोटिस भेजेंगे। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने ट्रंप ने कहा, 'अमेरिका पिछले 15 सालों में मूर्खतापूर्ण तरीके से 33 अरब डॉलर से ज्यादा राशि बतौर सहायता पाकिस्तान को दे चुका है। मगर उसने(पाकिस्तान ने) हमारे नेताओं को मूर्ख समझकर हमें झूठ और छल-कपट के अलावा और कुछ नहीं दिया।' उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की ओर से आतंकवाद से लड़ने के लिए जो राशि दी जा रही है, हमें उसके बदले सिर्फ छल-कपट ही मिला है। लेकिन अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्‍तान में आतंकियों के नेटवर्क को काफी हद तक खत्‍म कर दिया है। पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान को आतंकियों के लिए 'जन्‍नत' बना रखा था।

चैरिटी के नाम पर आतंकियों को समर्थन
अमेरिका मानता है कि जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेश आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो चेहरे हैं। लश्कर –ए-तैयबा की स्थापना हाफिज ने 1987 में की थी। 2008 में मुंबई हमलों के लिए इस संगठन को भारत और अमेरिका दोनों जिम्मेदार बताते हैं। ये बात अलग है कि सईद इन आरोपों से इनकार करता रहा है। 19 दिसंबर के जो दस्तावेज सामने आए हैं उनमें फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स(FATF) सईद के दो संगठनों का जिक्र करता है। एफएटीफ एक अंतरराष्ट्रीय समूह है जो मनी लॉन्ड्रिंग,आतंकियों को वित्तीय मदद के खिलाफ कार्रवाई करता है। एफएटीएफ ने साफ कर दिया है कि या तो पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे या तो निगरानी सूची में शामिल होने के लिए तैयार रहे।

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