पंजशीर में भीषण लड़ाई, अफगानिस्तान में कब बनेगी सरकार, क्यों हो रही देरी, जानें तालिबान का जवाब
अफगानिस्तान की सत्ता पर हथियारों और खून खराबे के बलबूते कब्जा जमाने वाले तालिबान के सामने अब चुनौतियों का पहाड़ है। सरकार बनाने को लेकर तमाम बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है। अफगानिस्तान में कब बनेगी सरकार जानें इस पर तालिबान ने क्या कहा...
काबुल, एजेंसियां। अफगानिस्तान की सत्ता पर हथियारों और खून खराबे के बलबूते कब्जा जमाने वाले तालिबान के सामने अब चुनौतियों का पहाड़ है। सरकार बनाने को लेकर तमाम बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है। आलम यह है कि आतंकी सरगनाओं के बीच सरकार गठन को लेकर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण पाकिस्तान को बीच में कूदना पड़ा है। अब तालिबान ने एकबार फिर बयान जारी कर आवाम को भरोसा दिलाया है कि अफगानिस्तान में जल्द ही समावेशी सरकार का गठन हो जाएगा।
कैसी होगी सरकार की संरचना नहीं बताया
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्ला सामनगनी ने टोलो न्यूज को बताया कि अफगानिस्तान में नई सरकार की घोषणा बहुत जल्द कर दी जाएगी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि आखिकार सरकार के गठन में देरी क्यों हो रही है। सामनगनी ने यह भी नहीं बताया कि सरकार की संरचना और रूपरेखा कैसी होगी। यही नहीं किसे कौन सी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
यूं ही नहीं बेचैैन है पाकिस्तान
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सामनगनी का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने काबुल का दौरा किया है। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि आइएसआइ चीफ तालिबान के बुलावे पर काबुल गए हैं लेकिन इस झूठ की पोल भी खुल गई है। रिपोर्टों के मुताबिक आइएसआइ चीफ का यह आकस्मिक दौरा तालिबान में अंदरूनी टकराव को थामने के लिए हुआ है।
गोलीबारी तक पहुंचा सत्ता संघर्ष
पंजशीर आब्जर्वर की रिपोर्ट के मुताबिक हक्कानी गुट और तालिबान के बीच शनिवार को हुई फायरिंग में अब्दुल गनी बरादर घायल हो गया है। घायल बरादर का इलाज पाकिस्तान में किया जा रहा है। बरादर का नाम प्रधानमंत्री के तौर पर लिया जा रहा था। हक्कानी गुट पंजशीर में नार्दर्न एलाइंस के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई के खिलाफ है। बताया जाता है कि पंजशीर मसले के हल को लेकर जब विवाद बढ़ा दोनों के बीच हाथापाई हुई जो बाद में फायरिंग तक जा पहुंची।
नहीं बन पा रही आम सहमति
समाचार एजेंसी एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार गठन को लेकर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में आम सहमति नहीं बन पा रही है। अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बावजूद तालिबान आर्थिक रूप से कंगाल देश को किस तरह से चलाएगा। यह भी एक बड़ी चुनौती है। यही नहीं तालिबान किस तरह से पुरानी सरकार के लोगों, सैन्यकर्मियों और उसके लिए लड़ाई लड़ने वालों को जगह देगा इसको लेकर भी अस्पष्टता बरकरार है।
पंजशीर में 600 तालिबान आतंकी ढेर
वहीं पंजशीर में तालिबान और नार्दर्न अलायंस के लड़ाकों के बीच भीषण लड़ाई चल रही है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने स्पुतनिक के हवाले से बताया है कि इस लड़ाई में 600 तालिबान आतंकी मारे गए हैं। यही नहीं नार्दर्न अलायंस का कहना है कि उसने 1,000 तालिबान आतंयिकों को बंदी बना लिया है। हालांकि तालिबान विरोधी कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के साथ पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कड़ी चुनौतियों की बात से इनकार नहीं किया है।