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जानें क्या हैं आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के मायने

पाक ने जैश-ए-मुहम्मद को 2002 में गैरकानूनी घोषित किया था। तब इसने अपने संगठन का नाम बदलकर खुद्दम-उलइस्लाम रख लिया था। इसके बाद इस संगठन ने अपने को अल ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 09:13 AM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 09:27 AM (IST)
जानें क्या हैं आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के मायने
जानें क्या हैं आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के मायने

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया है। यदि पाकिस्तान का पाला हुआ मसूद सुरक्षा परिषद द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाता है तो वह कहीं यात्रा नहीं कर सकेगा। उसको किसी तरह की आर्थिक गतिविधि की भी इजाजत नहीं होगी और हथियारों की पहुंच भी उस तक नहीं हो सकेगी।

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चौथी बार पेश हुआ प्रस्ताव
पिछले 10 वर्षो में यूएन में यह चौथा मौका है जब इस तरह का प्रस्ताव पेश किया गया। इससे पहले 2009 और 2016 में भारत ने यूएन के सेक्शन कमेटी 1267 में अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया था। यही आतंकी सरगना पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर जनवरी 2016 में हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था। 2016 के प्रस्ताव में भारत के साथ पी3 देश थे।

उस समय अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने साथ दिया था। 2017 में इन्हीं पी3 देशों ने यूएन में ऐसा ही प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन हमेशा की तरह चीन ने यूएन में प्रस्ताव मंजूर होने की राह में रोड़े अटका दिए थे। हालांकि चीन की तरफ से अभी तक अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के इस नए प्रस्ताव पर कोई बयान नहीं आया है।

आर्थिक चोट

  • संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा उसके वित्तीय स्रोत को खत्म करने में मदद मिलेगी। आर्थिक स्नोत को पूरी तरह सीज करना होगा।
  • सदस्य देशों को अपने यहां मौजूद किसी भी संपत्ति को जब्त करना होगा और संबंधित व्यक्ति या उसकी संस्थाओं के आर्थिक संसाधनों को ब्लॉक करना होगा।
  • संयुक्त राष्ट्र से जुड़े किसी भी देश के लोग आतंकी अजहर को किसी तरह की मदद नहीं पहुंचा सकेंगे।

पहले भी लग चुके कई प्रतिबंध

  • पाकिस्तान ने जैश-ए-मुहम्मद को 2002 में गैरकानूनी घोषित किया था। तब इसने अपने संगठन का नाम बदलकर खुद्दम-उलइस्लाम रख लिया था। खुद्दम-उल-इस्लाम को भी 2003 में पाक सरकार ने बैन करने का दावा किया था। इसके बाद इस संगठन ने अपने को अल ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया।
  • अमेरिका ने दिसंबर 2001 में जैश को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था।
  • 2001 में ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जैश को 1267 प्रतिबंधित आतंकी समूह की सूची में शामिल किया था।

चीन का अड़ंगा
जब-जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश के सरगना मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने की कोशिश की है चीन ने बार-बार रोड़ा अटकाया है। भारत सरकार ने दिसंबर 2016 में मसूद अजहर समेत अन्य आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल कराने की कोशिश की थी। लेकिन उस समय चीन ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो करने का एलान कर किया। इससे पहले चीन हिज्बुल- मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन, लश्कर के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की और आजम चीमा को यूएन द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रस्ताव पर रोड़ा अटका चुका है।

यात्रा पर प्रतिबंध का असर
प्रतिबंध लगने के बाद आतंकी मसूद अजहर यूएन के किसी भी सदस्य राष्ट्र की यात्रा नहीं कर सकेगा।

हथियारों पर प्रतिबंध का असर
यूएन के सभी सदस्य देशों को अपने हथियारों, उसके निर्माण की तकनीक, स्पेयर पार्ट्स की बिक्री या फिर उस तक पहुंच को रोकना होगा।


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