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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी पर कुठाराघात किए जाने पर अमेरिका खफा

अमेरिका ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी पर कुठाराघात किए जाने पर सख्त एतराज जताया है। एक रिपोर्ट में इसको लेकर दिए जाने वाले मृत्युदंड जैसी सजा पर कड़ी नाराजगी जताई है। अमेरिका का कहना है कि ये सही नहीं है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 05:44 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 05:44 PM (IST)
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी पर कुठाराघात किए जाने पर अमेरिका खफा
पाकिस्‍तान के ईश निंदा कानून से नाराज अमेरिका

वाशिंगटन (एएनआइ)। अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी वार्षिक रिपोर्ट में इस्लामी देश पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी पर कुठाराघात किए जाने पर सख्त एतराज जताया है। खासकर मृत्युदंड जैसी कठोरतम सजा वाले ईश-निंदा कानून के चलते पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की प्रताड़ना पर गहरी चिंता जताई है।

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सिविल सोसाइटी की शिकायतों का हवाला देते हुए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट को पेश करते हुए कहा कि इस साल ईश-निंदा कानूनों के चलते कम से कम 35 लोगों को मृत्युदंड दिया गया। वर्ष 2019 में इस कानून के तहत 82 लोगों को उम्रकैद की सजा हुई और 29 लोगों को सजा-ए-मौत सुनाई गई है।

एक गैर सरकारी संगठन सेंटर फार सोशल जस्टिस के मुताबिक वर्ष 2019 में ईश-निंदा कानून के तहत 199 लोगों को दोषी ठहराया गया। देश के इतिहास में इस कानून के तहत एक साल में दोषी ठहराए गए लोगों की यह सबसे बड़ी तादाद है। ज्यादातर दोषियों में अधिकांश शिया (70 फीसद मामले) और अहमदिया मुसलमान (20 फीसद मामले) थे।

अहमदिया मुस्लिम समुदाय के नेताओं को सुन्नी प्रधान इस्लामिक देश में प्रताड़ना, भेदभाव और अदालतों के फैसलों में मूलभूत अधिकारों का भी अभाव रहता है। रिपोर्ट में जुलाई में अमेरिकी नागरिकों की हत्या का भी जिक्र है। अहमदी मुस्लिम ताहिर नसीम के खिलाफ चले ईश-निंदा के मामले को भी उठाया गया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका की ओर से घोषित आतंकी संगठन लश्कर-ए-जान्हवी, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान और अन्य पाकिस्तानी आतंकी संगठन शिया मुसलमानों को निशाना बनाते हैं। खासकर शिया हजारा समुदाय के लोगों को प्रताडि़त किया जाता है।


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