अमेरिकी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने किया गुलाम कश्मीर का दौरा, जमीनी हकीकत की ली जानकारी
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में सीनेटर होलेन और मैगी हसन के साथ ही अमेरिकी उप राजदूत पाल जोंस शामिल थे। उन्होंने पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद का दौरा किया।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। अमेरिका के एक उच्चस्तरीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत द्वारा अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद जमीनी स्तर पर हालात का पता लगाने और लोगों की भावनाओं को जानने के लिए रविवार को गुलाम कश्मीर का दौरा किया।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का मुजफ्फराबाद दौरा
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में सीनेटर क्रिस वान होलेन और मैगी हसन के साथ ही अमेरिकी उप राजदूत पाल जोंस शामिल थे। उन्होंने पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद का दौरा किया।
अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद जमीनी स्तर पर हालात का जायजा
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने कहा कि इस दौरे का उद्देश्य भारत द्वारा पांच अगस्त को लिए गए फैसले के बाद जमीनी स्थिति देखना और जनता की भावनाओं को समझना था।
भारत के फैसले का पाकिस्तान कर रहा विरोध
भारत सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने का फैसला किया था। भारत के इस फैसले का पाकिस्तान विरोध कर रहा है और इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश कर रहा है।
भारत सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने का फैसला किया था जिसके बाद से कश्मीर में सामान्य जनजीवन प्रभावित है। भारत के इस फैसले का पाकिस्तान विरोध कर रहा है और इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश कर रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने की पीओके नेताओं से मुलाकात
विदेश विभाग ने बताया कि अमेरिकी सीनेटर ने कहा कि वे मानवाधिकार की चिंताओं को साझा करते हैं और भारत से यह अनुरोध जारी रखेंगे कि वह इस दिशा में पहले कदम के तहत कर्फ्यू हटा लें और सभी कैदियों को रिहा करें। उन्होंने इस विवाद के समाधान में जुटे रहने के अपने संकल्प को भी दोहराया। प्रतिनिधिमंडल ने पाक अधिकृत कश्मीर के नेता सरदार मसूद खान और राजा फारूक हैदर से भी मुलाकात की।