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अमेरिकी हमले में मारा गया भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा का सरगना, यूपी से था कनेक्शन

अमेरिकी सुरक्षाबलों ने आफगानिस्तान के साथ साझा ऑपरेशन में अल-कायदा के सरगना आतंकी आसिम उमर को मार गिराया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 08:54 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 10:40 PM (IST)
अमेरिकी हमले में मारा गया भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा का सरगना, यूपी से था कनेक्शन
अमेरिकी हमले में मारा गया भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा का सरगना, यूपी से था कनेक्शन

इस्लामाबाद, प्रेट्र। अफगानिस्तान में हेलमंद प्रांत के मूसाकला जिले में तालिबान (Taliban) के एक अड्डे पर अमेरिका-अफगानिस्तान (US-Afghan) के संयुक्त हमले में भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (Al-Qaeda in the Indian Subcontinent) का प्रमुख आसिम उमर (Asim Umar) मारा गया है। उसका जन्म उत्तर प्रदेश के संभल में हुआ था।

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अलकायदा नेता अयमन अल जवाहिरी ने सितंबर, 2014 में एक वीडियो संदेश के जरिये भारत, म्यांमार और बांग्लादेश में जिहाद के लिए एक्यूआइएस का गठन किया था। तभी से असिम उमर इसका प्रमुख था। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने बताया कि वह 23 सितंबर को अमेरिका-अफगानिस्तान के संयुक्त हमले में मारा गया। उसके साथ एक्यूआइएस के छह अन्य सदस्य भी मारे गए। इनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे। मारे गए लोगों में अल जवाहिरी तक असिम उमर का कोरियर पहुंचाने वाला रेहान भी शामिल है।

दारूल उलूम, देवबंद से किया था स्नातक

असिम उमर की उम्र 40 वर्ष के आसपास थी और अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया हुआ था। 2016 में अमेरिका ने एक्यूआइएस को भी विदेशी आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था। वह अमेरिका द्वारा विदेशी आतंकी संगठन घोषित पाकिस्तानी आतंकी समूह हरकत उल मुजाहिदीन का पूर्व सदस्य था। सना उल हक के रूप में जन्मे असिम उमर ने कथित रूप से 1991 में दारूल उलूम, देवबंद से स्नातक किया था। बाद में वह पाकिस्तान चला गया था जहां उसने दारूल उलूम हक्कानिया नौशेरा में पढ़ाई की थी। इस मदरसे को 'जिहाद का विश्वविद्यालय' भी कहा जाता है।

पाकिस्तानी युद्धपोत को अगवा करने की कोशिश

एक्यूआइएस ने छह सितंबर, 2016 को कराची में नौसैनिक डॉकयार्ड पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के दौरान आतंकियों ने एक पाकिस्तानी युद्धपोत को अगवा करने की कोशिश की थी। इस संगठन ने बांग्लादेश में कई कार्यकर्ताओं और लेखकों की हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी। इनमें अमेरिकी नागरिक अभिजित रॉय, अमेरिकी दूतावास का स्थानीय कर्मचारी जुल्हाज मन्नन और बांग्लादेशी नागरिक क्यूआर बाबू, अहमद राजिब हैदर और एकेएम शफीउल इस्लाम शामिल हैं।

मारे गए थे सौ से ज्यादा आतंकी 

एक अमेरिकी संसदीय उपसमिति के समक्ष सामरिक विशेषज्ञ सेठ जी. जोंस ने कहा था कि 2017 तक एक्यूआइएस ने सैकड़ों सदस्य जोड़ लिए थे और उसके अफगानिस्तान के हेलमंद, कंधार, जाबुल, पक्तिका, गजनी और नूरिस्तान प्रांतों में सेल थे। अक्टूबर, 2015 में अमेरिकी और अफगानी सैन्य बलों ने कंधार प्रांत में एक बड़े प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया था जिसमें एक्यूआइएस से जुड़े सौ से ज्यादा आतंकी मारे गए थे।


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