पाकिस्तान में गुपचुप तरीके से मिल रहे अमेरिकी और तालिबानी प्रतिनिधि, लगातार दूसरे दिन हुई मुलाकात
अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजाद और तालिबानी प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को दूसरे दिन मुलाकात की। यह मुलाकात काफी गुपचुप तरीके से हो रही है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजाद और तालिबानी प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को दूसरे दिन मुलाकात की। यह मुलाकात काफी गुपचुप तरीके से हो रही है। तालिबानी प्रतिनिधियों का नेतृत्व मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कर रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बारादार 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान के निमंत्रण पर बुधवार से पाकिस्तान में हैं।
जानकारी अनुसार खलीलजाद भी इसी सप्ताह पाकिस्तान पहुंचे हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून से इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी विशेष दूत जालमे खलीलजाद की मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में तालिबान प्रतिनिधियों से शुक्रवार को दूसरे दिन मुलाकात की।
शांति वार्ता रद होने के बाद पहली बार हो रही मुलाकात
अधिकारी ने बताया कि यह बैठक गुरुवार को इस्लामाबाद में आयोजित उनकी दो घंटे की चर्चा के बाद हुई। अमेरिकी विशेष और तालिबान नेताओं के बीच यह पहली आमने-सामने की बैठक थी। क्योंकि पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाते हुए तालिबान के लगातार हमलों का हवाला देते हुए शांति वार्ता से बाहर कर दिया था।
शांति प्रक्रिया फिर शुरू करने की कवायाद
पाकिस्तान और अमेरिका के दोनों अधिकारी इस्लामाबाद में वार्ता के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है, हालांकि, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इसकी पुष्टि की थी। हालांकि, उन्होंने इस दौरान इसे लेकर कोई और जानकारी नहीं दी। अधिकारी के अनुसार, इन बैठकों का उद्देश्य शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए जमीन तैयार करना है।
समझौता लगभग हो गया था
बता दें कि, यह वार्ता काफी सफल रही थी। दोनों पक्ष के बीच समझौता लगभग हो गया था। जब ट्रंप ने 9 सितंबर को कैंप डेविड में मुलाकात से तालिबान के साथ वार्ता रद्द की, तो दोनों पक्षों ने पहले ही इस समझौते को अंतिम रूप दे दिया था।
तालिबान से प्रतिबद्धता चाहता है अमेरिका
वार्ता रद करने का एक कारण यह था कि इस समझौते ने अमेरिका को कम रियायतें दीं और कुछ ने इसे अमेरिका का आत्मसमर्पण भी माना। पाकिस्तान के नेतृत्व में मौजूदा प्रयासों का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच मतभेदों को कम करना है। अफगानिस्तान में हिंसा को रोकने के लिए अमेरिका संघर्षविराम या कम से कम तालिबान से प्रतिबद्धता हासिल करने पर जोर दे रहा है।
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