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हाथ पैर काटने जैसी बर्बर सजाएं बहाल करेगा तालिबान, अमेरिका ने किया विरोध, जानें क्‍या कहा

तालिबान की जेलों के अधिकारी और अफगानिस्तान के पूर्व न्याय मंत्री मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी (Mullah Nooruddin Turabi) ने कहा है कि देश में फांसी और हाथ पैर काटने जैसी सजाएं फिर से बहाल की जाएंगी। इस बयान के सामने आने के बाद अमेरिका नाराज हो गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 05:22 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 05:53 PM (IST)
हाथ पैर काटने जैसी बर्बर सजाएं बहाल करेगा तालिबान, अमेरिका ने किया विरोध, जानें क्‍या कहा
तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में फांसी और हाथ पैर काटने जैसी सजाएं फिर से बहाल की जाएंगी।

वाशिंगटन, एएनआइ। तालिबान की वापसी के साथ ही अफगानिस्‍तान में एकबार फिर पुराने बर्बर दौर की शुरुआत हो गई है। तालिबान की जेलों के अधिकारी और अफगानिस्तान के पूर्व न्याय मंत्री मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी (Mullah Nooruddin Turabi) ने कहा है कि देश में फांसी और हाथ पैर काटने जैसी सजाएं फिर से बहाल की जाएंगी। इस बयान के सामने आने के बाद अमेरिका नाराज हो गया है। अमेरिका ने अफगानिस्तान में अंग-भंग करने जैसी सजाओं को बहाल करने की तालिबान फरमान की कड़ी निंदा की है।  

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि अमेरिका अफगान लोगों के साथ खड़ा है विशेष रूप से अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों के साथ... अमेरिका मांग करता है कि तालिबान इस तरह के किसी भी बर्बर दुर्व्यवहार को तुरंत बंद करे। हम अफ़गान लोगों के लिए सजा के तौर पर अंग भंग करना और फांसी की बहाली की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।

नेड प्राइस (Ned Price) ने यह भी कहा कि तालिबान जिन कृत्यों के बारे में बात कर रहा है... वे मानव अधिकारों के घोर उल्‍लंघन की शुरुआत करेंगे। हम इस तरह के किसी भी दुर्व्यवहार के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ खड़े हैं। रही बात सहयोग की तो जब अफगानिस्तान की किसी भी भावी सरकार की बात आती है तो हम दुनिया भर में अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ समन्वय और सद्भाव में काम करते हैं।

दरअसल तालिबान के संस्थापकों में से एक मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी का कहना है कि अफगानिस्तान में एक बार फिर फांसी और अंगों भंग की सजाएं बहाल कर दी जाएंगी। तुराबी ने यह भी कहा कि हम इस्लाम का पालन करेंगे और कुरान पर अपने कानून बनाएंगे। गौर करने वाली बात है कि अफगानिस्‍तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से दुनिया की निगाहें उस पर टिकी हैं। इस बात की आशंकाएं जताई जा रही हैं कि क्या तालिबान 1990 के दशक वाले बर्बर कानूनों को फिर से थोपेगा... तुराबी के बयानों से संकेत साफ हैं।


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