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पाकिस्तान में मंदिर बचाने में लापरवाही को लेकर 12 अधिकारी बर्खास्त

कोहाट क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक तैयब हाफिज चीमा ने घटना की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक (जांच विंग) जहीर शाह को जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया था और एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए थे।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 04:37 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 04:37 PM (IST)
पाकिस्तान में मंदिर बचाने में लापरवाही को लेकर 12 अधिकारी बर्खास्त
मामले में 33 पुलिस अधिकारियों की सेवा पर एक साल के लिए लगाई रोक

इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय सरकार ने एक जांच रिपोर्ट के बाद 12 पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाइ कुछ दिनों पहले एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले के मामले में की गई थी। इन अधिकारियों को मंदिर की रक्षा में लापरवाही का दोषी पाया गया है। बता दें कि मंदिर पर एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सदस्यों के नेतृत्व में एक भीड़ ने हमला किया था। इस सिलसिले में सरकार ने 33 पुलिस अधिकारियों की सेवा पर एक साल के लिए रोक लगा दी है।

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बता दें कि कोहाट क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक तैयब हाफिज चीमा ने घटना की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक (जांच विंग) जहीर शाह को जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया था और एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए थे। शाह ने इस मामले में 73 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच की और अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही और गैरजिम्मेदारी बरतने के आरोप में इनमें से 12 को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है।

गौरतलब है कि दिसंबर महीने में खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले के टेरी गांव में बने एक मंदिर पर कट्टरपंथी उपद्रवियों के साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया था। इन लोगों ने मंदिर को हानि पहुंचाने के साथ ही परिसर में बनी संत की समाधि का भी अपमान किया था। टेरी गांव में तो ज्यादा संख्या में हिंदू नहीं रहते हैं लेकिन आसपास के इलाकों में रहने वाले हिंदू बड़ी संख्या में इस प्राचीन मंदिर में दर्शन को आते थे। साल 1997 में भी इस मंदिर पर कट्टरपंथियों द्वारा हमला किया गया था और उसे नुकसान पहुंचाया था, लेकिन बाद में इसका पुनर्निर्माण कराया गया था। अब जब मंदिर को विस्तार देने की योजना पर कार्य चल रहा था, तब इलाके के कट्टरपंथी मुस्लिम भड़क गए और उन्होंने एकत्रित होकर मंदिर पर हमला कर दिया।


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